MP Election 2023 : कर्नाटक के बाद MP कांग्रेस कर रही बीजेपी के इस बोट बैंक में सेंघमारी की तैयारी!

MP Election 2023 : कर्नाटक के बाद MP कांग्रेस कर रही बीजेपी के इस बोट बैंक में सेंघमारी की तैयारी!
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मध्यप्रदेश में इसी साल अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस काफी उत्साहित है। कर्नाटक में मिली बंपर जीत के बाद से तो प्रदेश कांग्रेस फूली नहीं समा रही है, तो वही बीजेपी हर वर्ग को साधने में जुटी हुई है। मध्यप्रदेश कांग्रेस अब बीजेपी के वोट बैंक में सेंधमारी करने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस कर्नाटक के ओबीसी फॉमूले को एमपी में भूनाना चाहती है।

MP Election 2023 :मध्यप्रदेश में इसी साल अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस काफी उत्साहित है। कर्नाटक में मिली बंपर जीत के बाद से तो प्रदेश कांग्रेस फूली नहीं समा रही है, तो वही बीजेपी हर वर्ग को साधने में जुटी हुई है। मध्यप्रदेश कांग्रेस अब बीजेपी के वोट बैंक में सेंधमारी करने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस कर्नाटक के ओबीसी फॉमूले को एमपी में भूनाना चाहती है।

कांग्रेस विधानसभा चुनाव से पहले मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण ओर जातीय जननगणना के मुद्दे को उछालकर सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है। इसके लिए बकायदा कांग्रेस ओबीवी नेताओं को आगे करेगी। आपको मालूम हो की कर्नाटक में कांग्रेस ने जाति जनगणना का मुद्दा उठकार बीजेपी के वोट बैंक में सेंधमारी कर जीत हासिल की है। और वह यह सेंधमारी मध्यप्रदेश में कांग्रेस करने के मूड़ में है। कांग्रेस प्रवक्ता स्वदेश शमा ने कहा है कि 2014 में कांग्रेस सरकार ने जातीय जनगणना का पूरा काम कर लिया था, लेकिन जारी नहीं हो पाया। क्योंकि बीजेपी ने मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार को गिरा दिया था। बीजेपी ने भी सरकार बनने के बाद भी इसे जारी नहीं किया।

स्वदेश शर्मा ने आगे कहा कि पूरे देश और मध्य प्रदेश में ओबीसी वर्ग के लिए कांग्रेस ने ही काम किया है। कांग्रेस ने ही पिछड़े वर्ग को 14 और 27 फीसदी आरक्षण दिया। बीजेपी तो सिर्फ पिछड़े वर्ग को वोट बैंके के तौर पर इस्तेमाल करती आई है। देश के प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री भी पिछड़े वर्ग से आते हैं, लेकिन बीजेपी उनका हक नहीं दे पा रही है।

आरक्षण के लिए कांग्रेस का पाखंड़ - भाजपा

आरक्षण को लेकर बीजेपी ने कहा है कि कांग्रेस तो केवल आरक्षण को लेकर पाखंड़ करती है। कांग्रेस ने ओबीसी, महिलाओं को दरकिनार किया है। बीजेपी ने कहा की हमने मुख्यमंत्री ओबीसी वर्ग से बनाया है, लेकिन कांग्रेस ने तो अरूण यादव जैसे नेताओं को पार्टी से दरकिनार कर रखा है। कांग्रेस सिर्फ इमोशनल ब्लैकमेल करती है। बीजेपी ने आगे कहा की भाजपा ने हमेशा ओबीसी वर्ग के उत्थान के लिए काम किया है, आयोग बनाया, 27 फीसदी आरक्षण दिया। कांग्रेस की वजह से मामला अभी कोर्ट में विचारधीन है। क्योंकि कांग्रेस ने कभी कोर्ट में मामले पर पैरवी नहीं की और ना वही अपना वकील खड़ा किया।

आपको बता दें कि मध्यप्रदेश की राजनीति जातियों की राजनीति में उलझ गई है। एक तौर पर देखा जाए तो प्रदेश में पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और आदिवासी मिलकर प्रदेश की सरकार बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाते है। वजह यही है कि बीजेपी और कांग्रेस तीनों वर्गो को साधने में जुटी हुई है। फिलहाल तीनों वर्ग किसे तबज्जो देंगे यह तो चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा।

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