ईओडब्ल्यू और लोकायुक्त की कार्रवाई में फंसे 26 विभागों के अफसर और कर्मचारी- किसी के खिलाफ नहीं मिली अभियोजन की स्वीकृति, चालान नहीं पेश कर पाई एजेंसियां

भोपाल - मध्यप्रदेश के सरकारी विभागों में पदस्थ रहे कलेक्टर, एसडीएम, सीएमओ, इंजीनियर, अस्पताल अधीक्षक, तहसीलदार, सरपंच, सचिव, लेखापाल, शिक्षक सहित 26 विभागों में पदस्थ विभिन्न अधिकारियों और कर्मचारियों को आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने आर्थिक अनियमितता करते रंगे हाथों पकड़ा और 44 प्रकरण दर्ज कर 105 अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही की है लेकिन इनके प्रशासकीय विभाग इनके खिलाफ सालों से अभियोजन स्वीकृति नहीं दे रहे है।
जिसके चलते इनके खिलाफ आगे कार्यवाही नहीं हो पा रही है। जिन प्रमुख विभागों में बड़े अफसरों के विरुद्ध अभियोजन स्वीकृति न देकर उन्हें बचाने की कवायद हो रही है उनमें ये सभी शामिल है। जीएडी के अंतर्गत रीवा के मऊगंज में एसडीएम ओएन पाण्डेय, एसडीएम एपी सिंह के विरुद्ध 2020 से, सेवानिवृत्त कटनी कलेक्टर अंजू सिंह बघेल के खिलाफ 2011 में दर्ज मामले में 2017 से अभियोजन स्वीकृति लंबित चल रही है। बुधनी के दो तत्कालीन तहसीलदार केएस सेन और एमडी शर्मा, एके बड़कुर, लेखापाल रामचरण सिंह के खिलाफ 2019 से, विदिशा के तत्कालीन कलेक्टर योगेन्द्र शर्मा के खिलाफ 2020 से, खाद्य विभाग के तत्कालीन उपसचिव ललित दाहिमा के खिलाफ 2021 से, तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी सांवेर पवन जैन और कौशल बंसल के खिलाफ फरवरी 2023 से, कटनी की सेवानिवृत्त कलेक्टर अंजू सिंह बघेल के खिलाफ दूसरे मामले में फरवरी 2021 से लंबित है।
नगरीय विकास एवं आवास
- नगर पालिका रतलाम के पूर्व महापौर जयंतीलाल , सम्पत्तिकर अधिकारी मनोहर लाल वर्मा पर 2020 से, सीहोर के मुख्य नगर पालिका अधिकारी डीएस परिहार, अनुविभागीय अधिकारी हनीफ खान, सहायक यंत्री अनिल श्रोत्रिय, कार्यवाहक अध्यक्ष अशोक सिसोदिया, उपयंत्री नरेन्द्र सिंह चौहान, लेखापाल हरिभान सिंह बुंदेला,लिपिक श्याम सिंह चंद्रवंशी पर 2021 से, मुख्य कार्यपालन अधिकारी रामशिरोमणि, आरसी साहू, लेखापाल विष्णुदेव,सहायक ग्रेड तीन धीरेन्द्र सिंह,शाखा प्रभारी रामगोपाल मिश्रा पर 2021 से अनुमति लंबित है।
राजस्व विभाग और जलसंसाधन विभाग
- पोहरी हाल के सेवानिवृत्त अनुविभागीय अधिकारी नंदकिशोर वीरवाल, तत्कालीन नायब तहसीलदार जयकिरण सिंह गुर्जर, सेवानिवृत्त राजस्व निरीक्षक जगदीश प्रसाद श्रीवास्तव पर 2019 से, सेवानिवृत्त तहसीलदार ओपी पगारे पर 2020 से, राजस्व निरीक्षक दिनेश जैन पर 2022 से लंबित है। वहीं जलसंसाधन विभाग के तत्कालीन सहायक यंत्री खरजोर सिंह पर 2020 से,रिटायर्ड अनुविभागीय अधिकारी जबलपुर शिखर चंद्र जैन, रिटायर्ड प्रमुख अभियंता डिंडौरी, मदनगोपाल चौबे पर 2022 से लंबित है।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग
- वहीं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के दमोह जिले के पथरिया के तत्कालीन विकासखंड अधिकारी वाय एस चौहान पर ईओडब्ल्यू ने नवंबर 1999 में कार्यवाही की और जनवरी 2018 से अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पास अभियोजन स्वीकृति के लिए प्रस्ताव भेजा गया है अभी तक अनुमति प्रदान नहीं की गई है। इसी तरह एपीओ मनरेगा पनागर प्रशांत शर्मा, पंकज मुडिया उपयंत्री, मेहबूब खान सीईओ पनागर, सुधा यादव सरपंच सोनपुर , सरला यादव सचिव ग्राम पंचायत गधेरी पर 2015 में दर्ज मामले में ईओडब्ल्यू विभाग से सितंबर 2022 से अभियोजन मंजूरी मांग रहा है। तिलगंवा के सरपंच कृष्णा यादव और पनागर के एपीओ प्रशांत शर्मा के खिलाफ 2015 में दर्ज मामले में जनवरी 2021 को अनुमति मांगी है। एपीओ पनागर प्रशांत शर्मा, उपयंत्री पंकज मुडिया, सीईओ मेबूब खान, सरपंच सोनपुर बेगी बाई ठाकुर, सचिव सोनपुर मोहम्द सलीम के खिलाफ 2015 में दर्ज मामले में सितंबर 2022 से अनुमति नहीं मिली। उमरिया के तत्कालीन उपयंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा अनिल ईनवाली के विरुद्ध 2017 में दर्ज मामले में 2019 से अनुमति लंबित है। कोटपार गणेश शासकीय हाईस्कूल बरेली के सहायक शिक्षक नवल किशोर शर्मा, तुलसीपार सिलवानी के उमावि के व्यायाम शिक्षक उमराव सिंह धाकड़ और मेहरागांव के स्कूल की अध्यापक सीमा धाकड़ पर 2015 में मामला दर्ज है। जून 2018 से अनुमति मांगी गई है।
चिकित्सा शिक्षा और लोक निर्माण विभाग
- सुलतानिया अस्पताल के पूर्व अधीक्षक नीरज बेदी, डॉ संध्या नागर, डॉ वीणा नागले, डॉ सौरभ जैन के खिलाफ 2020 से लंबित है। वहीं लोक निर्माण विभाग के पूर्व कार्यपालन यंत्री डिंडौरी पीडी वर्मा, पूर्व एसडीओ तीरथ प्रसाद नामदेव, भंडार लिपिक शब्बीर खान पर 2022, सीहोर के कार्यपालन यंत्री एसके कुलकर्णी पर 2021 से लंबित है।
इन विभागों में भी अनुमति नहीं
- इसके अलावा आदिम जाति कल्याण, सहकारिता, आदिवासी विकास, कलेक्टर उज्जैन, मंडला, जिला शिक्षा अधिकारी खरगौन, आयुक्त लोक शिक्षण, संभागीय आयुक्त शहडोल, सीईओ मंडला, मुख्य अभियंता पीएचई इंदौर,आयुक्त केन्द्र माल एवं सेवाकर जबलपुर, मंडी बोर्ड, बीज प्रमाणीकरण संस्था, एनएफएस फैक्ट्री पश्चिम बंगाल, आईसीआईसीआई बैंक इंदौर, लोक शिक्षण रीवा के यहां से भी अनुमति नहीं ढ़ी जा रही है।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS