रेलवे द्वारा पीकदान पाउच बेचने पर भोपाल के यात्री बोले- पीकदान कैसे जेब में रखकर चलें, कायदे से तो देशभर में गुटखे पर लगे बैन

भोपाल। गुटखा खाकर ट्रेन व स्टेशन पर यहां-वहां थूकने वाले यात्रियों की गंदगी को रोकने के लिए रेलवे की ओर से पीकदान योजना भले ही शुरू कर दी है। रेलवे की ओर से शुरू की गई,इस नई योजना को लेकर हरिभूमि ने रेल यात्रियों से बात की। तो अधिकांश लोगों का कहना है कि पीकदान बेचने की जगह देशभर में गुटखे पर ही बैन लगाया जाए। यात्रियों का मानना है कि तंबाकू खाने वाला यात्री दस रुपए का पीकदान लेने की वजह इतने का गुटखा पाउच खरीदना पंसद करेगा। तो वहीं कुछ लोगों का कहना है कि इस योजना में कुछ भी दम नहीं है। दरअसल कौन व्यक्ति पीकदान लेकर चलेगा। रेलवे की यह योजना देखने व सुनने में जितनी अच्छी है। लेकिन उतनी करागार होगी। यह कहा नहीं जा सकता है। क्योंकि दस रुपए का गुटखा का पाउच आ रहा है। तो वहीं पांच से दस रुपए पीकदान । तो यात्री गुटखा लेना ज्यादा पंसद करेंगा पीकदान लेने की वजह,इसलिए यह योजना सफल होने की संभवाना कम है।
ये कहा यात्रियों ने?
कौन यात्री अपना पीक लेकर सफर करेंगा
रेलवे की योजना अच्छी है। लेकिन प्रैक्टिकल रूप में देखें,तो यह सफल होने की उम्मीद कम है। दरअसल कौन यात्री है,जो अपना पीक अपने पास लेकर सफर करेगा।
केएल सोनी,यात्री
गुटखे पर ही बैन होना चाहिए
रेलवे की पहल तो अच्छी है। लेकिन सरकार को चाहिए। गुटखे पर देशभर में बैन लगाना चाहिए। इससे जहां गंदगी नहीं फैलेगी। तो वहीं लोगों का स्वस्थ्य भी अच्छा रहेगा।
तुषार शर्मा, रेल यात्री
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