रंगपंचमी छोड़ भोपाल में जमे शिक्षक भर्ती के अन्य पिछड़ा वर्ग उम्मीदवार, नियुक्ति न होने तक डटे रहने का एलान

रंगपंचमी छोड़ भोपाल में जमे शिक्षक भर्ती के अन्य पिछड़ा वर्ग उम्मीदवार, नियुक्ति न होने तक डटे रहने का एलान
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शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल हुए अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थी रंगपचमी में अपना घर छोड़कर भोपाल में डट गए हैं। इनका कहना है कि शिक्षक भर्ती की वेटिंग क्लीयर होने लगी है लेकिन अन्य पिछड़ा वर्ग के एक भी उम्मीदवार को नहीं लिया जा रहा है। उन्होंने एलान किया है कि जब तक उन्हें नियुक्ति नहीं मिलती वे भोपाल में लोक शिक्षण संचालनालय के सामने डटे रहेंगे। मंगलवार को उन्होंने भाजपा कार्यालय के सामने भी धरना दिया।

भोपाल। शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल हुए अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थी रंगपचमी में अपना घर छोड़कर भोपाल में डट गए हैं। इनका कहना है कि शिक्षक भर्ती की वेटिंग क्लीयर होने लगी है लेकिन अन्य पिछड़ा वर्ग के एक भी उम्मीदवार को नहीं लिया जा रहा है। उन्होंने एलान किया है कि जब तक उन्हें नियुक्ति नहीं मिलती वे भोपाल में लोक शिक्षण संचालनालय के सामने डटे रहेंगे। मंगलवार को उन्होंने भाजपा कार्यालय के सामने भी धरना दिया।

गरमा गया ओबीसी आरक्षण का मुद्दा

इस आंदोलन के साथ प्रदेश में अन्य पिछ़ड़ा वर्ग आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर गर्मा गया है। इनके लिए 27 फीसदी आरक्षण अभी भी काजगों तक ही सीमित है। शिक्षक भर्ती में 27 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर उम्मीदवारों ने रंगपंचमी पर भी अपने घरों को छोड़कर भोपाल में डेरा डाल लिया है। अभ्यर्थियाें का कहना है कि प्रदेश में चल रही शिक्षक भर्ती के लिए वेटिंग लिस्ट क्लियर होने लगी है, लेकिन इसमें अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों में से किसी को नियुक्ति पत्र नहीं मिला है। इनका कहना है कि सरकार चाहे तो प्रोविजनल नियुक्ति देकर एडजस्ट कर सकती है। लेकिन, ऐसा नहीं किया जा रहा है। उम्मीदवारों ने बताया कि वेटिंग क्लियर करते समय ओबीसी को छोड़कर सभी वर्गों के उम्मीदवारों को नियुक्ति दी गई। हमें 14 फीसदी आरक्षण भी नहीं दिया गया।

कल कराया मुंडन, आज भाजपा दफ्तर में धरना

उम्मीदवारों ने मंगलवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय के बाहर धरना दिया। एक दिन पहले कुछ उम्मीदवारों ने मुंडन कराकर विरोध दर्ज कराया था। अब इनका कहना है कि जब तक उन्हें नियुक्ति नहीं मिलेगी, वे यहीं लोक शिक्षण संचालनालय के बाहर डटे रहेंगे।

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