ऑक्सीजन प्लांट की 24 घंटे से हो रही मॉनिटरिंग

भोपाल। कोरोना की आहट के बीच स्वास्थ्य विभाग ने हर स्तर पर सतर्कता बरतना शुरू कर दिया है। इसी सिलसिले में मंगलवार को सरकारी अस्पतालों में भी मॉक ड्रिल के जरिए कोरोना महामारी के संभावित खतरे से बचने के लिए की गई व्यवस्थाओं को परखा गया। सुबह साढ़े दस बजे यह माकड्रिल शुरू हुई। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग सुबह हमीदिया अस्पताल पहुंचे और व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान आक्सीजन प्लांट की भी टेस्टिंग की गई। इस अवसर पर कॉलेज प्रबंधन के अधिकारियों-कर्मचारियों सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
हमीदिया अस्पताल में कुल ऑक्सीजन प्लांट की क्षमता 2000 एलपीएम है। मंत्री सारंग ने कहा कि हम हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। आक्सीजन प्लांट की 24 घंटे जीपीएस के माध्यम से मानिटरिंग की जा रही है। मॉकड्रिल के दौरान सबसे ज्यादा फोकस मानव संसाधन, अस्पतालों में उपलब्ध बिस्तर, वेंटिलेटर, बच्चों और बड़ों के लिए आइसीयू में उपलब्ध बिस्तर, मेडिकल आक्सीजन की उपलब्धता, रेफरल सेवाएं जैसे साधारण और एडवांस लाइफ सपोर्ट वाली एंबुलेंस, रेमडेसिविर इंजेक्शन, मास्क पर रहा।
अधीक्षक ने खुद चलाकर देखा ऑक्सीजन प्लांट
जेपी अस्पताल में भी ऑक्सीजन प्लांट की टेस्टिंग की गई। अस्पताल के अधीक्षक डॉ राकेश श्रीवास्तव ने स्वयं ऑक्सीजन प्लांट को चालू कर इसकी स्थिति की जांच की। स्वास्थ्य विभाग अपनी तैयारियों को जांच कर सॉफ्टवेयर के माध्यम से प्रदेश को जानकारी उपलब्ध करा रहा है। हालांकि यह मॉकड्रिल सिर्फ अस्पतालों में हुई। जिसमें तैयारियों को लेकर डाटा को विभाग के सॉफ्टवेयर में अपलोड किया जाना है।
सारंग बोले वर्चुअल मनाएंगे जन्मदिन
कोरोना के नए वैरिएंट बीएफ-7 की आशंका के चलते चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग 29 दिसंबर को अपना जन्मदिन वर्चुअल मनाएंगे। सारंग ने कहा कि वे किसी ने तरह से फिजिकल रूप से न मिलकर केवल वर्चुअल ही जन्मदिन मनाएंगे, ताकि भीड़ एकत्र न हो सकें। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कोरोना की संभावित चौथी लहर के खतरे को देखते हुए भीड़ वाले आयोजनों से दूरी रखने का निर्णय लिया है और वर्चुअल ही जन्मदिन मनाने का तय किया है। उन्होंने अपने शुभचिंतकों से केवल वर्चुअल शुभकामनाएं देने की अपील की है।
इंडिया पोर्टल पर फीड होगा डाटा
मॉक ड्रिल के लिए अस्पताल में व्यवस्थाओं की जानकारी इंडिया पोर्टल पर अपलोड की जाएगी। इसे लेकर डाटा विभाग पर स्वास्थ्य संस्थाओं का डाटा अपलोड किया जाना अनिवार्य है। मॉक ड्रिल के मूल्यांकन हेतु पैरामीटर एवं मॉक ड्रिल अभ्यास का फोकस इस पर होगा।
डॉ प्रभाकर तिवारी, सीएमएचओ
इन व्यवस्थाओं की हुई मॉक ड्रिल
बिस्तर क्षमता आइसोलेशन बेड, ऑक्सीजन युक्त आइसोलेशन बेड, आईसीयू बेड और वेंटिलेटर सहित बेड की संख्या।
उपलब्ध मानव संसाधन : चिकित्सक, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, आयुष चिकित्सक, आशा सहित अन्य फ्रंटलाइन कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, अन्य ग्राम स्तर के कार्यकर्ता।
मानव संसाधन क्षमता : कोरोना प्रबंधन पर प्रशिक्षित स्वास्थ्य देखभालकर्ता, गंभीर मामलों के प्रबंधन के लिए वेंटिलेटर प्रबंधन प्रोटोकॉल में प्रशिक्षित स्वास्थ्य देखभालकर्ता, पीसी संयंत्रों के संचालन में प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ता आदि।
रेफरल सेवाएं एडवांस्ड और बेसिक लाइफ सपोर्ट (एएलएस/बीएलएस) एंबुलेंस की उपलब्धता, अन्य एंबुलेंस की उपलब्धता (पीपीपी मोड के तहत या एनजीओ के साथ), कार्यात्मक एम्बुलेंस कॉल सेंटर की उपलब्धता।
परीक्षण क्षमताएं : कोरोना परीक्षण प्रयोगशालाओं की संख्या और क्षमता, आरटी पीसीआर टेस्ट और रेट किट की उपलब्धता, परीक्षण उपकरण और रिएजेंट की उपलब्धता ।
चिकित्सा रसद आवश्यक दवाओं की उपलब्धता (जैसे स्टेरायड, एनोक्सापारिन, रेमेडीज वीर, टोसिलिजुमैब, और अन्य सहायक दवाएं, तरल पदार्थ आदि), वेंटिलेटर (कार्यात्मक), पीपीई (पीपीई किट, एन-95 मास्क, आदि), नेब्युलाइज़र, आक्सीमीटर आदि
मेडिकल ऑक्सीजन, ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर, पीएसए प्लांट, लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक, मेडिकल गैस पाइपलाइन सिस्टम आदि।
अस्पतालों में टेलीमेडिसिन सेवाओं की उपलब्धता।
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