Father's Day : फादर्स-डे पर संस्कृत श्लोक के साथ चित्रकार नवाब जहां ने दिया पिता के अस्तित्व का संदेश

भोपाल। फादर्स डे (fathers day) के अवसर (special) पर भोपाल (bhopal) की चित्रकार (painter) नवाब जहां बेगम (navab jaha begam) ने जीवन में पिता के अस्तित्व को बताने वाली चित्रकारी में श्लोक उल्लेखित कर समाज को संदेश दिया है। प्राचीन श्लोक को सुन्दरता से निखारते हुए नवाब जहां ने इस दिन को खास बनाने की अपील की है।
संस्कृत श्लोक में नवाब ने लिखा है 'पिता स्वर्गः पिता धर्मः पिता परमकं तपः। पितरि प्रीतिमापन्ने सर्वाः प्रीयन्ति देवताः॥' जिसका हिन्दी अर्थ है 'पिता स्वर्ग है, पिता धर्म है, पिता परम तपस्या है। जब कोई अपने पिता की प्रसन्नता प्राप्त करता है तो सभी देवता प्रसन्न होते हैं। वहीं इसका अंग्रजी रूपांतरण है Father is heaven, father is religion, father is ultimate penance. When one attains the pleasure of his father, all the gods are pleased.
गोल्ड और एक्रेलिक कलर्स का प्रयोग
चित्रकार नवाब जहां बेगम को इस चित्रकारी को तैयार करने में लगभग 20 से 25 दिन लगे। चित्रकारी में संस्कृत भाषा शैली में उकेरे गये श्लोक में गोल्ड और एक्रेलिक कलर्स का प्रयोग किया गया है। नवाब जहां के अनुसार भारतीय संस्कृति में पिता का कद अत्यंत विशाल है, पिता वह ऐहसास है जिसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है।
किसी भी इंसान के जीवन में पिता का होना बडे सौभाग्य की बात है, पिता अनमोल अहसास है। उनके अनुसार पिता जब कठोरता से बच्चों के लिए भविष्य के लिए कदम उठाता है तो सालों बाद बच्चे सुखद अहसासाें के साथ उस पल उन्हीं को याद करते हैं, जबकि वह उनके साथ उस पल हों या न हों। 18 जून को लोग गौरवांवित हो कर फादर्स डे मनाएंगे।
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