पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भाजपा के प्रचारक हैं : निश्चलानंद सरस्वती

पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भाजपा के प्रचारक हैं : निश्चलानंद सरस्वती
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बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने कथा, दरबारों व अपने बयानों से लगातार देशभर में चर्चा का विषय बने हए हैं। इसी के तहत गुरुवार राजधानी भोपाल में धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने आए जगतगुरू शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने उन्हें भाजपा का प्रचारक बता दिया।

भोपाल। बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने कथा, दरबारों व अपने बयानों से लगातार देशभर में चर्चा का विषय बने हए हैं। इसी के तहत गुरुवार राजधानी भोपाल में धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने आए जगतगुरू शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने उन्हें भाजपा का प्रचारक बता दिया। दरअसल वह रविन्द्रनाथ टैगोर विश्व विद्यालय परिसर में नवनिर्मित मंदिर स्थापना एवं प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के दौरान मीडिया से बातचीत के दौरान यह बात कहीं। उन्होंने कहा कि उनकी समीक्षा करना अपने पद गरिमा के अनूरूप सही नहीं है। जगतगुरू शंकराचार्य महाराज ने कहा कि धीरेद्र शास्त्री जिनका नाम ले रहे हैं वह एक बार उनके पास आए थे। शंकराचार्य महाराज ने कहा कि एक कथा वाचक की समीक्षा एक भाजपा के प्रचारक की समीक्षा शंकराचार्य से करावाना चाहते हैं यह उचित है क्या? धीरेंद्र शास्त्री भाजपा के प्रचारक हो गए हैं। सुनिये रविशंकर का नाम सुना है, उत्तराखंड के बाबा रामदेव का नाम सुना है, भाजपा ने दोनों को प्रचारक बना कर अब मौनी बना दिया है। भाजपा अब शासन कर रही है। दोनों मौनी बन गए हैं। वही हाल अब धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का होगा।

सवाल : उज्जैन महाकाल लोक की प्रतिमाएं गिरने को आप किस रूप में देखते है।

जवाब : उज्जैन के महाकाल लोक में प्रतिमाए गिरने के मामले में जगतगुरू शंकराचार्य महाराज ने कहा कि तीर्थस्थली तपस्थली है। उसे पर्यटक का केंद्र बनाना उसे भोगास्थली बना देना है। शासनतंत्र की यही प्रकृति होती है। झारखंड में पारस नाथ स्थली पर किया गया था, लेकिन जैन समाज ने इसका जोरदार विरोध किया। उन्होंने आंदोलन किया अंत में केंद्र सरकार को बाध्य होना पड़ा कि पर्यटक का केंद्र नहीं बना सका। तपस्थली को भोगास्थली बनने से तो देवी देवता सभी विलुप्त कर दिए जाएंगे। जैसे की काशी में हुआ। उधर काशी विश्वनाथ इधर गंगा बीच में सभी देवी देवताओं को बिलुप्त कर दिया गया। उचित नहीं है ये। धार्मिक क्षेत्र में राजनेताओं का हस्ताक्षेप करना उचित नहीं है।

सवाल : इन दिनों देशभर में हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग जोर पकड़ रही है, इसको आप किस रूप में देखते है।

जवाब : हिंदू राष्ट की मांग किसने की है। मांग भरने वाला पति हो जाता है। 18-19 महीने पहले मैने ही कहा था कि हिंदू राष्ट्र हो। किसी के भरोसे नहीं कहा था भगवान के भरोसे कहा था। सबके पूर्वज हिंदू वैदिक काल से सनातनी हैं हिंदू मुस्लिम और इसाई सभी के पूर्वज हिंदू ही हैं। शंकराचार्य महाराज ने कहा कि वह जो बोलते हैं उसी से वातावरण बनता है किसी से मांग नहीं करते है। शंकराचार्य ने कहा कि जो वह कहते हैं वही होना है और जो होना है वही कहते हैं।

सवाल : इन दिनों लगातार लव जिहाद के मामले सामने आ रहे है।

जवाब : लव जिहाद के मामले कम से कम सामने आने लगे। इसका मतलब है कि अब हिंदू जग गया है और जागरूकता के कारण ही दमोह में स्कूल का भाड़ा फूट गया। हिंदू अब जग रहा है इसलिए विरोध हो रहा है।

सवाल : इन दिनों चुनाव जीतने के लिए राजनेता बजरंगबली का सहारा ले रहे है,यह क्या उचित है।

जवाब : नेताओं की आदत होती है कि चुनाव में जाति पाति सब ला देते हैं। जब उन्हें रोटी की जरूरत होती है तब पता नहीं रहता। जिन्हें भी बैतरणी पार करना होगा वह भगवान का नाम लेगा। संकट में सभी भगवान का नाम लेते हैं, लेकिन दिखावा भगवान को पंसद नहीं।

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