Petrol Diesel के दाम में कटौती के लिए लोगों की नजर सीएम शिवराज पर टिकी, पीएम ने मुख्यमंत्रियों से वैट कम करने की थी अपील

पीएम नरेंद्र मोदी ने मध्यप्रदेश सहित सभी राज्यों सरकारों के मुख्यमंत्रियों से राष्ट्रहित में पेट्रोल-डीजल पर मूल्य वर्धित कर (वैट) घटाने का आग्रह किया। इसके बाद ईंधन महंगाई की आग में झुलस रहे भोपाल सहित समूचे मध्यप्रदेश के लोगों की आशा भरी निगाहें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रति टिक गई हैं। जनमानस ने मुख्यमंत्री से वैट दर में कमी कर महंगाई से राहत की गुहार लगाई है तो वहीं मध्यप्रदेश में संचालित 4200 पेट्रोल पंप संचालकों की संस्था मध्यप्रदेश पेट्रोल पंप ऑनर्स एसोसिएशन ने राज्य सरकार से मांग की है कि पेट्रोल-डीजल के दाम को उत्तरप्रदेश में बिक रहे ईंधन की कीमतों के बराबर लाया जाए।
पेट्रोल पंप एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अजय सिंह के मुताबिक उत्तर प्रदेश के मुकाबले मध्यप्रदेश में डीजल 4 रुपए 75 पैसे और पेट्रोल 13 रुपए प्रति लीटर महंगा है। मध्यप्रदेश सरकार अगर ईंधन के दाम कम करके यूपी के बराबर ईंधन के दाम लाती है सरकार को 3 हजार करोड़ रुपए का नुकसान होगा, लेकिन इस नुकसान की क्षतिपूर्ति उत्तरप्रदेश के सीमावर्ती करीब 10 जिलों से होगी। जिसमें प्रमुख रूप से श्योरपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, अशोक नगर, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना,रीवा, सतना, सिंगरोली शामिल है। मौजूदा समय स्थिति यह है कि सीमावर्ती इन जिलों में ईंधन की बिक्री प्रभावित हो रही है। क्योंकि इन जिलों के लोग यूपी से ईंधन खरीद रहे हैं। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा वैट दर में कमी किए जाने से निश्चित ही ईंधन के दाम कम होंगे और इसका फायदा न सिर्फ आमजन होगा, बल्कि सरकार को भी होगा। सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी। एसोसिएशन के उपाध्यक्ष दीपक संचेती (ग्वालियर) और पंप संचालक मोहन निगोतिया के अनुसार बालाघाट, छिंदवाड़ा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, रतलाम, मंदसोर, नीमच, आगर मालवा से ईंधन की बिक्री बढऩे से मध्यप्रदेश सरकार को अतिरिक्त आय प्राप्त होगी।
मध्यप्रदेश पेट्रोल पंप ऑनर्स एसोसिएशन के महासचिव नुकुल शर्मा के अनुसार राज्य सरकार अगर वैट की दर में कमी करते हुए पेट्रोल-डीजल के दाम उत्तर प्रदेश में विक्रय हो रहे ईंधन के दाम पर ले आती है तो इस घटे दाम का लाभ राजनीतिक परिदृश्य को मध्यप्रदेश सरकार को प्राप्त होगा, क्योंकि अगले वर्ष विधान सभा चुनाव है। चूंकि राजस्थान, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ गैर भाजपा शासित राज्य हैं और ये राज्य वैट की दर कम करेंगे नहीं, ऐसे में आगामी चुनाव में भाजपा को बढ़त मिलेगी।
- वित्तीय वर्ष सरकार को हुआ 13 हजार करोड़ रुपए की आय
मध्यप्रदेश में 4200 पेट्रोल पंप संचालित है। इन पेट्रोल पंप पर होने वाले डीजल 19 प्रतिशत वैट, 1.50 रुपए अतिरिक्त और सैस पर 1.50 रुपए का अतिरिक्त सेस अधिरोपित है। जबकि पेट्रोल 28 प्रतिशत वैट, 250 रुपए प्रति लीटर सैस इस पर 1 प्रतिशत अतिरिक्त सेस अधिरोपित है। इस प्रकार अधिरोपित करारोपण से राज्य सरकार को वित्तीय वर्ष 2021-2022 में 13 हजार करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ। चालू वित्तीय वर्ष 2022-2023 में मध्यप्रदेश सरकार के राजस्व में 16 हजार करोड़ रूपए की आय होना संभावित है।
-जीएसटी में लाए ईंधन, ताकि लागू वन इंडिया वन प्राइस
अभी पेट्रोल-डीजल पर राज्य सरकारें मनमाने ढंग से वैट तय करते हैं और वैट वृद्धि का असर का बोझ आमजनता पर पड़ता है। अतरू ईंधन को जीएसटी के दायरें में लाना चाहिए है। पेट्रोल-डीजल जीएसटी के दायरे में आने पूरे देशभर में वन इंडिया वन प्राइस लागू होगी। देशभर में डीजल-पेट्रोल के दाम एक समान होंगे। अगर ईंधन को जीएसटी के दायरें में लाया जाता है तो इसका सबसे ज्यादा फायदा राज्य सरकारों को होगा।
भोपाल में 5 महीने में 13 रुपए बढ़े
राजधानी भोपाल में पेट्रोल.डीजल के रेट आसमान छू रहे हैं। पेट्रोल 118.14 रुपए और डीजल के रेट 101.16 रुपए प्रति लीटर है। पिछले डेढ़ महीने में रेट तेजी से बढ़े हैं। इनके साथ ही सीएनजी भी महंगी हो गई है। अभी इसके रेट 83 रुपए प्रतिकिलो है। पांच महीने में करीब 13 रुपए बढ़ चुके हैं,जो पेट्रोल-डीजल में हुई वृद्धि से भी अधिक है।
इन जिले में बढ़ेगी बिक्री
श्योरपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, अशोक नगर, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, रीवा, सतना, सिंगरोली,
इन जिलों से होगी सरकार को अतिरिक्त आय
प्रधानमंत्री मोदी के आग्रह के बाद मुख्यमंत्री शिवराज पर आमजन की निगाहें टिकी हैं। एमपी में यूपी के मुकाबले पेट्रोल 13 रुपए और डीजल 4.75 रुपए महंगा है। जिसके नुकसान की भरपाई सीमावर्ती वाले 10 जिले करेंगे। बालाघाट,छिंदवाड़ा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, रतलाम, मंदसोर, नीमच, आगर मालवा
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