कांग्रेस नेता की गिरफ्तारी पर लोगों में आक्रोश, विरोध प्रदर्शन में कोविड गाइडलाइन्स की उड़ी धज्जियां

कांग्रेस नेता की गिरफ्तारी पर लोगों में आक्रोश, विरोध प्रदर्शन में कोविड गाइडलाइन्स की उड़ी धज्जियां
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कांग्रेस नेता प्रदीप चौधरी को विवादित शमशान पर एक शव को जलाने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. बताया जा रहा है ये गिरफ्तारी सत्तापक्ष बीजेपी के दबाव में हुआ है. वहीं प्रदेश कांग्रेस महामंत्री के गिरफ्तारी के बाद आम नागरिकों एवं समर्थकों में भारी आक्रोश देखने को मिला. पढ़िए पूरी खबर-

देवास. कांग्रेस नेता प्रदीप चौधरी को विवादित शमशान पर एक शव को जलाने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. प्रदेश कांग्रेस महामंत्री के गिरफ्तारी के बाद आम नागरिकों एवं समर्थकों में भारी आक्रोश देखने को मिला.

आक्रोशित लोगों ने थाने का घेराव कर घंटों प्रदर्शन किया. जिसमें वे लोग प्रदीप चौधरी की रिहाई की मांग कर रहे थे. करीब रात 2:00 बजे तक प्रदर्शन चलता रहा. सैकड़ों की संख्या में एकत्रित लोगों ने कोविड गाइडलाइन्स की धज्जियां उड़ा दी. प्रदर्शन में महिला, पुरुष और बच्चे सहित सैकड़ों की संख्या में लगी भीड़ को संभालने के लिए भारी पुलिस बल तैनात हुआ, लेकिन आम लोग पुलिस की बात सुनने को तैयार ही नहीं थे. अंत में गिरफ्तार हुए प्रदीप चौधरी ने खुद आकर लोगों को समझाया और घर जाने की अपील की तब जाकर मामला शांत हुआ.

दरअसल पूरा घटनाक्रम एक विवादित शमशान से जुड़ा हुआ है. जिसे कोविड शव जलाने और सुरक्षा की दृष्टि को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने तोड़ दिया था. समर्थकों द्वारा श्मशान को पुनः बनाने और तोड़े जाने का विरोध लगातार जारी था. इसी क्रम में लोगों के साथ प्रदीप चौधरी ने कांग्रेस का नेतृत्व करते हुए 125 साल पुराने इस विवादित शमशान को पुनः बनाने के लिए धरना प्रदर्शन दिया था. प्रदर्शन में उन्होंने विधायक पर सवाल उठाकर प्रशासन द्वारा बनाई गई बाउंड्री वाल को तोड़ ही दिया था.

उसके बाद प्रशासन द्वारा शासकीय कार्य में बाधा डालने और कोविड गाइडलाइन का उल्लंघन करने के लिए आईपीसी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था. उसी को लेकर आज मामला एक बार फिर तब बढ़ गया, जब उसी विवादित श्मशान में कल शाम एक शव को जलाने के बाद प्रदीप चौधरी की गिरफ्तारी की गई थी. पुलिस की कार्रवाई अनुसार आज प्रदीप चौधरी को न्यायालय में पेश किया जाएगा. बताया जा रहा है कि सत्तापक्ष बीजेपी के दबाव में ये गिरफ़्तारी की गयी है.

कांग्रेस नेता प्रदीप चौधरी के समर्थन में यह भीड़ इसीलिए भी देखी जा रही थी क्योंकि प्रदीप चौधरी पहले से ही कई सामाजिक सेवाओं से जुड़े रहे हैं. कोरोना काल में पलायन करने वालों और कोरोना के मरीजों के मदद में प्रदीप की संस्था सिद्धिविनायक ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इन सब कारणों से उन्हें एक समाज सेवी के रूप में भी देखा जाता रहा है. यही कारण है कि सैकड़ों की संख्या में ये लोग कोरोना के भय को भूल प्रदीप चौधरी के समर्थन और प्रशासन की कार्रवाई का विरोध करते नजर आये.

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