इंदौर में एशिया के सबसे बड़े बायो सीएनजी प्लांट का पीएम ने किया वर्चुअल लोकार्पण

भोपाल/इंदौर। इंदौर ने एक और नई उपलब्धि हासिल कर ली। शहर के देवगुराड़िया ट्रेंचिंग ग्राउंड में एशिया का सबसे बड़े बायो सीएनजी प्लांट का लोकार्पण शनिवार को दोपहर पीएम नरेंद्र मोदी ने वर्चुअली किया। उन्होंने रिमोट का बटन दबाया। इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी वर्चुअली जुड़े। इस मौके पर केंद्रीय शहरी विकास आवास व पेट्रोिलयम मंत्री हरदीप सिंह पुरी और मप्र के राज्यपाल मंगुभाई पटेल भी वर्चुअली जुड़े। इस मौके पर कार्यक्रम में मौजूद प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि देश ने प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी में शासक में उपासक को देखा। उन्होंने राजनेताओं और राजनीित में आम लोगों की आस्था लौटाई। इंदौर में इस प्लांट से पीएम की वेस्ट टू वेल्थ की अवधारणा साकार हुई। केंद्रीय मंत्री पुरी ने इस मौके पर कहा कि इंदौर की एक कार्यशाला में जापान के मंत्री भी शािमल थे। उन्होंने मुझसे कहा था कि इंदौर में मुझे कहीं भी गंदगी नहीं मिली। ये हमारे इंदौर की खासियत है। इसका श्रेय शिवराज सरकार को जाता है। पीएम के स्वच्छ भारत मिशन के सपने का ही ये एक हिस्सा है। इस अवसर पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पीएम के नेतृत्व में भारत की प्रगति का ये स्वर्णकाल है। पर्यावरण व स्वच्छता का उनका अभियान दुिनया को नई दिशा दे रहा है। मप्र भी उनके सभी सपनों को साकार कर रहा है। इंदौर 6 प्रकार के कचरे को अलग-अलग करता है। तीन बाजारों को जीरो वेस्ट बना दिया गया है। हम पीएम के पंचामृत अभियान को आगे बढ़ा रहे हैं। अंकुर अभियान के तहत पौधरोपण हो रहा है। मैं खुद रोज एक पौधा लगा रहा हूं। गौर हो कि ट्रेंचिंग ग्राउंड के गोबर-धन बायो सीएनजी प्लांट में 300 किलो बायो सीएनजी और 4 हजार घन मीटर बायो गैस तैयार हो चुकी है। शनिवार को संयंत्र के उद्घाटन के साथ ही बायो सीएनजी गैस से 400 बसों को चलाकर रवाना किया जाएगा। यह संयंत्र पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड पर बना है, जिससे इंदौर को सालाना 2.52 करोड़ रुपए राजस्व मिलेगा।
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यह है खासियत
-100 टन गीले कचरे से तैयार हुई करीब 4 हजार घन मीटर बायो गैस
-12 मीटर ऊंचे और 30 मीटर चौड़े खास गुब्बारे में सुरक्षित है गैस
-1 फीट का अंतर है बाहरी और अंदर की परत में
-96 फीसदी मीथेन गैस को गुब्बारे में रखा जाएगा।
-550 टन गीले कचरे से 17500 किलो हर दिन बायो सीएनजी बनाने का लक्ष्य
-2000 किलो बायो सीएनजी फरवरी अंत तक बनने लगेगी।
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खास है यह गुब्बारा
-विशेष कपड़े से बने गुब्बारे में दो परते हैं।
-बाहरी परत को नुकसान हुआ तो भी अंदर की परत गैस को सुरक्षित रखेगी।
-बायो गैस को बायाे सीएनजी बनाने के लिए शुद्धिकरण करेंगे।
-अन्य गैसों को बाहर निकाल दिया जाएगा।
-इसके बाद बायो सीएनजी वाहनों के लिए होगी तैयार।
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गीला कचरा
- 96% शुद्ध मीथेन गैस संयंत्र में पाई गई।
-100% गीले कचरे से संचालित होगा प्लांट।
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