मानवता की मिसाल बनी पुलिस : गरीब बेटी की धूमधाम से कराई शादी, उठाया पूरा खर्चा

बुरहानपुर: हर कोई अपनी बेटी की शादी को लेकर कोई तरह के सपने सजाता है। हर माता पिता चाहते है कि उनकी बेटी की शादी भी धूम धाम से हो, लेकिन कुछ परिवार ऐसे भी है। जिनके पास खाने के लिए पैसे भी नहीं है। ऐसे में वह अपने बेटे और बेटी की शादी कैसे करे। लेकिन वह कहते है न जो होता है अच्छा होता है। ऐसा ही कुछ हुआ मध्य प्रदेश के निंबोला थाना क्षेत्र के ग्राम मचलपुरा के रहने वाले एक व्यक्ति के साथ। बता दें कि इस व्यक्ति के पास अपनी बेटी की शादी एक लिए पैसे नहीं थे। जिसके देखते हुए मध्यप्रदेश पुलिस प्रशासन ने शादी का जिम्मा उठाया।
बेबस पिता का सहारा बने निंबोला थाना प्रभारी
बता दें कि वह व्यक्ति गरीब मुस्लिम कबाड़ी वाला है। जो कबाड़ भेज कर अपनी रोजी-रोटी चलाता है। उसके सामने अपने बेटी की शादी करना बहुत बड़ी समस्या थी। जिसको देखते हुए निंबोला थाना के प्रभारी हंस राज झिंझोरे ने मदद का हाथ बढ़ाया और कहा - जब बेटी की शादी पक्की हो जाए. तब हमें बताना। फिर क्या था कुछ ही दिनों में बेटी की शादी पक्की हो गई। जिसके बाद युवती के पिता ने यह खुशखबरी थाना प्रभारी को दी।
पुलिस वालो ने किया बारातियों का स्वागत
जिसके सुनकर थाना प्रभारी हंस राज झिंझोरे बहुत खुश हुए और बिना वक्त बर्बाद किये बेटी की शादी की तैयारियों में पूरा पुलिस प्रशासन जुट गया। आपको जानकर हैरानी होगी की बारात सवागत के दौरान बेबस पिता के साथ पूरा पुलिस प्रशासन खड़ा था। फिर क्या था जब बारात गेट तक पहुंची तो सभी डर गए, लेकिन सभी लोगों ने फूल माला के साथ बारात का स्वागत किया। इतना ही नहीं बल्कि सभी ने एक बेटी के पिता की तरह होने का फर्ज़ निभाया . जिसको देखकर मुस्लिम व्यक्ति की छाती गर्व से चौड़ी हो गई। जिसकी देखकर दूल्हा पक्ष के लोग भी हैरान थे।
गरीब बच्ची की शादी के लिए पुलिस विभाग ने बढ़ाया हाथ
लेकिन पुलिस विभाग के कर्मियों द्वारा उठाए इस कदम के चलते न सिर्फ गरीब बच्ची की शादी हुई बल्कि समाज के सामने एक मिसाल भी कायम हुई। आखिर कर लोगों को पता चल ही गया कि मानवता आज भी ज़िंदा है। अभी तक सभी ने पुलिस का सख्त रवैया देखा था, लेकिन इस नई पहल से समाज के सामने पुलिस विभाग के कर्मियों ने एक नई मिसाल कायम की .
थाना प्रभारी ने कहा - मदद करना हमारा फर्ज है
वही जब इस बारे में थाना प्रभारी से बात की तोह उन्हें खूबसूरत अंदाज में कहा कि यह फैसला अपने पिता से मिली और पिताजी से एक नसीहत भी मिली की आप जिसकी मदद करो उसका नाम और बखान मत करो. क्योंकि कहीं ना कहीं मदद करने वाला इससे अपने आप को छोटा महसूस करता है. दाहिने हाथ से मदद करो बाए हाथ को पता ना चले. ऐसा कुछ करो. ईश्वर ने आपको सक्षम बनाया है. इसलिए मदद करना हमारा फर्ज है. इससे आम जनता में पुलिस की छवि भी अच्छी होगी. इसीलिए हमने भी एक मदद का हाथ बढ़ाया है। पुलिस विभाग द्वारा किये इस नेक काम की चर्चा सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रही है।
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