किसानों की मौत पर पुलिस का दावा - पागलपन, बीमारी कारण

भोपाल - मध्य प्रदेश में अक्सर किसानों की आत्महत्या के मामले सामने आते रहे हैं। अक्सर आरोप लगते हैं कि किसान की मौत फसल के नुकसान और कर्ज की वजह हुई है। ऐसे में पुलिस की विवेचना की रिपोर्ट ने खुलासा किया है कि प्रदेश में किसान अधिकांश पागलपन और बीमारी की वजह से सुसाइड करते करते हैं।
पुलिस मुख्यालय ने किसानों की आत्महत्याओं की विवेचना प्रदेश भर में की है। इसमें अलीराजपुर और पिछले जिलों में सबसे ज्यादा किसानों ने सुसाइड किया है। इसके अलावा परिवारिक कारणों की वजहों से भी मौत हुई है। हैरान करने वाली बात है कि पुलिस ने दावा किया है कि 235 किसानों की खेती, कर्ज और फसल से जुड़ी हुई समस्याओं से आत्महत्या नहीं की है। खास बात है कि 235 किसानों की आत्महत्या में सिर्फ पुरुषों ही शामिल है। रिपोर्ट के अनुसार पीएचक्यू ने 11 किसानों के सुसाइड के मामलों में 11 बिंदुओं में जांच की है। जिसमें गरीबी, संपत्ति विवाद, विवाह संबंधी, दहेज, अतिरिक्त विवाह संबंधी, तलाक, परिवारिक समस्या, खेती, फसल विफलता, प्राकृतिक आपदा, फसल बेचने में असमर्थता, बिमारी, एड्स, कैंसर, पागलपन- मानसिक रोगी और नशीली दवाओं का दुरुपयोग, समाजिक प्रतिष्ठा में गिरावट, दिवालियापन। इन सभी कारणों से सबसे ज्यादा पागलपन और मानसिक रोगी किसानों ने आत्महत्या की है।
इन जिलों से सबसे ज्यादा मौत
जिला सुसाइड
- अलीराजपुर 67
- सीधी 27
- दतिया 19
- अशोकनगर 14
- बड़वानी 13
- सतना 14
- शिवपुरी 13
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