ट्रांसफर बोर्ड का फरमान, पुलिसकर्मियों के ट्रांसफर में स्वेच्छा पर रोक

भोपाल - प्रदेश ट्रांसफर सीजन शुरू होते ही पुलिस मुख्यालय का तनाव बढ़ गया है। वजह है कि नीति जारी होते हुए प्रदेश भर से 5 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों ने आवेदन किया है। फिलहाल आवेदनों में सबसे ज्यादा पुलिसकर्मी स्वेच्छा से ट्रांसफर चाहते हैं। ऐसे में ट्रांसफर बोर्ड ने फैसला किया है कि पहले जो पुलिसकर्मियों की बीमारी का विषय है। उन्हें प्राथमिकता में रखा जाए। जिसके अलावा जिनका रिटायरमेंट नजदीक है। उनका ट्रांसफर पहले किया जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि ट्रांसफर नीति में तबादलों का प्रतिशत तय है। ऐसे में जरूरतमंद पुलिसकर्मियों का ट्रांसफर पहले किया जा सके। इसके लिए स्वेच्छा से तबादला कराने वालों को फिलहाल रोक दिया है। हालांकि उनका आवेदन अस्वीकार नहीं किया है लेकिन जरूरतमंद पुलिसकर्मियों को प्राथमिकता में रखा गया है। अबतक स्क्रूटनी का काम पूरा हो चुका है। 5 अगस्त तक ट्रांसफर लिस्ट जारी हो जाएगी। खासबात है कि सबसे ज्यादा आरक्षक और प्रधान आरक्षकों ने ट्रांसफर के लिए आवेदन किया है। इसके अलावा एक जिले से दूसरे जिलों में जाने वालों की संख्या भी अधिक है। हालांकि इससे पहले पीएचक्यू ने सभी जिला एसपी को पत्र लिखते हुए पुलिसकर्मियों की सीआर और अपराधिक रिकार्ड भेजने के लिए कहा है। जिससे ट्रांसफर के बाद पुलिसकर्मियों को आसानी से रिलीव किया जा सके। ट्रांसफर नीति के बाद भी पुलिसकर्मियों का तबादला हो सकेगा लेकिन इसके लिए जिले के एसपी अनुशंसा करेंगे और पुलिस मुख्यालय की सहमति के बाद बोर्ड आदेश जारी करेगा।
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