दिग्विजय की रामधुन पर परवान चढ़ी राजनीति, रामेश्वर ने किया स्वागत, नरोत्तम ने कर दी यह टिप्पणी

भोपाल। रामधुन भी कांग्रेस-भाजपा के बीच राजनीति की वजह बन गई है। भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा की एक टिप्पणी पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने रामेश्वर के निवास पर जाकर एक घंटे रामधुन करने की घोषणा की थी। रामेश्वर ने कहा कि दिग्विजय सहित उनके साथ आने वाले राम भक्तों का स्वागत है जबकि दिग्विजय सिंह ने इसे हिंसा पर अहिंसा की जीत बताया। प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि अच्छी बात है कि चचा जॉन रामधुन के लिए आ रहे हैं लेकिन देखना कहीं सोनिया गांधी उन्हों नोटिस न जारी कर दें। बता दें, विधायक रामेश्वर शर्मा ने अपने क्षेत्र के एक गांव में कहा था कि दलाली करने कोई नेता आए तो उसके घुटने तोड़ दें। इस पर दिग्विजय ने रामेश्वर के बंगले जाकर एक घंटे रामधुन करने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि हम गांधी जी के रास्ते चलने वाले अहिंसावादी हैं, रामेश्वर मेरे घुटने तोड़कर दिखाए।
रामेश्वर के यहां शुरू हो गई रामधुन
कांग्रेसी दिग्विजय सिंह के साथ मिंटो हाल परिसर में स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा से रामेश्वर शर्मा के घर के लिए रवाना हो गए हैं। उधर रामेश्वर ने अपने सरकारी आवास युवा सदन में एक दिन पहले ही स्वागत और रामधुन की तैयारी शुरू कर दी थी। कांग्रेसजनों के पहुंचने से पहले रामेश्वर की मौजूदगी में सुबह से ही वहां रामधुन शुरू हो गई। भक्तों के लिए प्रसाद के तौर पर हलवा-पूड़ी तैयार कराई गई है। रामेश्वर ने एक ट्वीट में लिखा है कि ' दिग्विजय सिंह के साथ प्रदेश भर से आ रहे राम भक्तों का स्वागत है।'
दिग्विजय सिंह ने किया यह ट्वीट
दिग्विजय ने ट्वीट कर तैयारियों को बताया हिंसा पर अहिंसा की जीत। उन्होंने लिखा, हिंसा पर अहिंसा की जीत। कांग्रेस कार्यकर्ताओं के घुटने तोड़ने वाले भाजपा विधायक ने कॉंग्रेसियों के सामने घुटने टेके। कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए "हलुआ पुड़ी" का निमंत्रण। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मिंटो हॉल पहुंच कर महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने बैठ कर राम भजन गाया। इसके बाद दिग्विजय सिंह के साथ रामेश्वर शर्मा के कार्यालय के लिए किया कूच।
रामेश्वर का कार्यालय छावनी में तब्दील
रामेश्वर ने भले दिग्विजय सिंह सहित कांग्रेसजनों को रामधुन के लिए आमंत्रित किया है लेकिन उनका कार्यालय पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है। चारों तरफ के रास्ते बंद कर दिए गए हैं। पुलिस की मर्जी के बिना कोई रामेश्वर शर्मा के कार्यालय नहीं पहुंच सकता।
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