सीएम शिवराज के बेटे कुणाल और कार्तिकेय के नाम पर बने पार्क पर सियासत तेज

सीएम शिवराज के बेटे कुणाल और कार्तिकेय के नाम पर बने पार्क पर सियासत तेज
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मध्यप्रदेश में नाम की राजनीति काफी तेजी से देखने को मिल रही है। कभी किसी शहर का नाम बदला जा रहा है तो कभी किसी रेलवे स्टेशन का नाम बदला जा रहा है। नाम को लेकर हो रही राजनीति की इसी कड़ी में अब आंच मुख्यमंत्री शिवराज तक जा पहुंची है।

Budni News : मध्यप्रदेश में नाम की राजनीति काफी तेजी से देखने को मिल रही है। कभी किसी शहर का नाम बदला जा रहा है तो कभी किसी रेलवे स्टेशन का नाम बदला जा रहा है। नाम को लेकर हो रही राजनीति की इसी कड़ी में अब आंच मुख्यमंत्री शिवराज तक जा पहुंची है।

दरअसल, मामला मुख्यमंत्री शिवराज के गृह जिले बुदनी का है। बुदनी के दो पार्क ऐसे है जिनका नाम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के बेटों के नाम जैसे है। जी हां एक पार्क का नाम कार्तिकेय पार्क है तो दूसरे पार्क का नाम कुणाल पार्क है। ऐसे में कांग्रेस को मुद्दा मिल गया है। कांग्रेस ने इसे मुद्दा बना लिया है। कांग्रेस का आरोप है कि कार्तिकेय पार्क पहले नेहरू पार्क था, लेकिन अब इसका नाम बदलकर कार्तिकेय पार्क रख दिया गया है। कांग्रेस का आरोपी है कि पहले तो सार्वजनिक स्थलों के नाम महापुरूषों के नाम से होते थे, लेकिन अब जनप्रतिनिधि अपने परिजनों के नाम से पार्क और भवनों के नाम रखने लगे है।

क्या नेहरू से बड़े हो गए कार्तिकेय

मामले को लेकर कांग्रेस नेता व पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि क्या कार्तिकेय, पंडित नेहरू से भी बड़े हो गए है? देश की आजादी और देश के नव निर्माण में नेहरू जी का अहम योगदान रहा है। अजय सिंह ने आगे कहा की जब बदुनी नगर परिषद ने यह कार्य किया था तो सीएम शिवराज क्यो चुप बैठे, क्यों हस्तक्षेप नहीं किया? उन्होंने आगे कहा कि बुधनी का एक अन्य पार्क भी सीएम शिवराज के दूसरे बेटे कुणाल के नाम पर रखा गया है। शिवराज सिंह जी कृपया कुणाल के योगदान के बारे में भी जनता को बताएं।

आपको बता दें कि कार्तिकेय पार्क के बाहर लगी लोकार्पण शिला पर लोकार्पण वर्ष 2006 लिखा हुआ है। जिसका लोकापण तत्कालीन नगर परिषद अध्यक्ष आजाद सिंह राजपूत और सीएम शिवराज ने किया था। मामले को लेकर कलेक्टर प्रवीण सिंह का कहना है कि पार्क का नाम नगर परिषद तय करती है। पार्क के नाम पर लग रहे आरोप शोध का विषय है।

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