Deputy collector notice : निशा बांगरे के इस्तीफे के बाद सियासत शुरू, सरकारी आवास पर कब्जा को लेकर प्रशासन ने जारी किया नोटिस

Deputy collector notice : निशा बांगरे के इस्तीफे के बाद सियासत शुरू, सरकारी आवास पर कब्जा को लेकर प्रशासन ने जारी किया नोटिस
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एसडीएम निशा बांगरे के खिलाफ सामान्य प्रशासन विभाग ने भोपाल में सरकारी मकान पर अवैध रूप से कब्जा रखने के लिए नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में साफ़ लिखा है कि निशा का छतरपुर ट्रांसफर होने के बाद भी भोपाल के सरकारी आवास पर कब्जा है।

छतरपुर : छतरपुर जिले की डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे के इस्तीफे के बाद सियासत शुरू हो गई है। निशा ने मौलिक अधिकार को सर्वप्रथम करते हुए उन्होंने अपने पद से 22 जून को इस्तीफा दे दिया था। इसके साथ ही इन्होने सरकार को तानाशाह बताया था। जिसके बाद से निशा की मुसीबते बढ़ते ही जा रही है। हाल ही में एसडीएम निशा बांगरे के खिलाफ सामान्य प्रशासन विभाग ने भोपाल में सरकारी मकान पर अवैध रूप से कब्जा रखने के लिए नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में साफ़ लिखा है कि निशा का छतरपुर ट्रांसफर होने के बाद भी भोपाल के सरकारी आवास पर कब्जा है।

निशा ने सरकार को बताया तानाशाह

मप्र के छतरपुर जिले के लवकुश नगर में पदस्थ एसडीएम निशा बांगरे इस्तीफा देने के बाद अब और मुखर हो गई है। उन्होंने राज्य सरकार और बिना नाम लिए बैतूल कलेक्टर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि यह सरकार तानाशाहीपूर्ण तरीके से काम कर रही है। इस्तीफा देने के बाद बैक डेट में नोटिस जारी किया है। उनसे जवाब मांगा है। यह सरकार का तुगलकी फरमान है। बैतूल जिले के अधिकारियों ने पद का दुरुपयोग करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गलत जानकारी दी है। यह सीधे-सीधे मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के बेटे अमरवीर बैंस पर हमला है, जो वर्तमान में बैतूल कलेक्टर है।

यह है मामला

इस नोटिस को लेकर फ़िलहाल निशा के तरफ से कोई जवाब नहीं आया है। लेकिन सरकार के उपर ऊँगली उठाना कही भारी न पड़ जाए। बता दें कि निशा ने डिप्टी कलेक्टर पद से 22 जून को इस्तीफा दे दिया था। निशा का हाथ से लिखा त्याग पत्र सोशल मीडिया में जमकर वायरल हुआ था। जिसमे उन्होंने लिखा था मेरे घर के उदघाटन कार्यक्रम के अवसर पर विश्व शांतिदूत तथागत बुद्ध की अस्थियों के भी दर्शनलाभ करने की अनुमति न देने से मेरी धार्मिक भावनाओं को अपूर्णनीय क्षति पहुंची है। इसलिए मैं अपने मौलिक अधिकार, धार्मिक आस्था एवं संवैधानिक मूल्यों से समझौता करके अपनी डिप्टी कलेक्टर के पद पर बने रहना उचित नहीं समझती हूं। इसलिए मैं अपने डिप्टी कलेक्टर के पद से इस्तीफा देती हूं।


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