बदलती दुनिया में साइबर डोमेन के असीमित उपयोग की संभावनाएं, इस तरह की समिट साइबर सुरक्षा और अपराध नियंत्रण का सराहनीय प्रयास : राज्यपाल पटेल

बदलती दुनिया में साइबर डोमेन के असीमित उपयोग की संभावनाएं, इस तरह की समिट साइबर सुरक्षा और अपराध नियंत्रण का सराहनीय प्रयास : राज्यपाल पटेल
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राज्यपाल पटेल ने कहा कि अर्थव्यवस्था डिजीटल, कैशलेस की ओर अग्रसर है। इसलिए साइबर सुरक्षा की मजबूती अनिवार्य है। इंटरनेट का कल्याणकारी कार्यों में सदुपयोग हो। राज्यपाल पटेल ने विद्यालयीन व महाविद्यालयीन पाठ्यक्रम में भी साइबर सुरक्षा जागरूकता को शामिल करने की आवश्यकता बताई।

भोपाल। तेजी से बदलती दुनिया में भूमि, समुद्र, वायु और अंतरिक्ष के साथ ही साइबर डोमेन ( cyber domain) का भी व्यापक व महत्वपूर्ण स्थान हो गया है। इसके असीमित उपयोग की संभावना है। नवीन तकनीक के सदुपयोग से जहां आमजन लाभांवित हो रहे हैं, वहीं असामाजिक तत्व इसके दुरूपयोग से विभिन्न अपराधों को भी अंजाम दे रहे हैं। इस तरह की समिट साइबर सुरक्षा और अपराध नियंत्रण (Cyber ​​Security and Crime Control) का प्रासंगिक और सराहनीय प्रयास है। यह बात शुक्रवार को मध्यप्रदेश पुलिस अकादमी भौंरी (Madhya Pradesh Police Academy Bhauri) के सभागार में राज्यपाल मंगू भाई पटेल (Governor Mangu Bhai Patel) ने कही। राज्यपाल यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित 10 दिवसीय साइबर क्राइम एवं इंटेलिजेंस समिट-2021 के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। राज्यपाल पटेल ने कहा कि अर्थव्यवस्था डिजीटल, कैशलेस की ओर अग्रसर है। इसलिए साइबर सुरक्षा की मजबूती अनिवार्य है। इंटरनेट का कल्याणकारी कार्यों में सदुपयोग हो। राज्यपाल पटेल ने विद्यालयीन व महाविद्यालयीन पाठ्यक्रम में भी साइबर सुरक्षा जागरूकता को शामिल करने की आवश्यकता बताई। स्पेशल डीजी प्रशिक्षण अरूणा मोहन राव ने कहा कि समिट में 3000 से अधिक अधिकारियों ने सहभागिता की है। 56 से अधिक राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय विषय विशेषज्ञों से मार्गदर्शन प्राप्त हुआ है। सभी राज्यों में समन्वय और तकनीकी जानकारी का आदान-प्रदान त्वरित और प्रभावी कार्रवाई में सहयोगी होगा। उन्होंने कहा कि समिट आशानुकूल रही। समापन कार्यक्रम में यूनीसेफ कीं मारग्रेट ने भी साइबर क्राइम एंड द इमरजिंग टेक्नोलॉजी पर वर्चुअल संबोधन दिया।

डीजीपी बोले- हम अपने सहकर्मी व अधीनस्थों को भी देंगे गहन प्रशिक्षण

मप्र के डीजीपी विवेक जौहरी (DGP Vivek Johri) ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कोविड काल में साइबर अपराधों में अत्यधिक बढ़ोतरी देखी गई। शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी इस तरह के अपराध घटित हुए हैं। इस समिट में साइबर अपराध के निराकरण, विवेचना, नियंत्रण के लिए अधिकतम प्रयास किए गए हैं। विशेषज्ञों और सहभागियों ने अपना ज्ञान और तकनीक साझा की। डीजीपी ने कहा कि समिट के प्रतिभागी इस दौरान प्राप्त ज्ञान को अपने सहकर्मी अधीनस्थों से भी साझा कर प्रशिक्षित करेंगे, ताकि इन अपराधों पर त्वरित कार्रवाई संभव हो। समिट के समापन अवसर पर एडीजी प्रशिक्षण अनुराधा शंकर, पुलिस अकादमी के निदेशक राजेश चावला, एडीजी साइबर सेल मप्र योगेश देशमुख, सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक मप्र ऋषि कुमार शुक्ला व क्लीयर ट्रेल संस्था के वाइस प्रेसीडेंट मनोहर कटोच सहित समिट के आयोजन से जुड़ीं संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं अधिकारी मौजूद थे। आभार प्रदर्शन उप निदेशक पुलिस अकादमी डॉ. विनीत कपूर ने किया। इस समिट का आयोजन मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा सॉफ्ट क्लिक फाउंडेशन, यूनीसेफ व क्लीयर ट्रेल कम्यूनिकेशन एनालिटिक्स के सहयोग से किया गया।

यह रहा इस समिट का फायदा?

- समिट में मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों के तीन हजार से अधिक पुलिस अधिकारियों ने साइबर क्राइम से निपटने एवं आधुनिक तरीकों से खुफिया जानकारी जुटाने की बारीकियां सीखीं।

- समिट में देश एवं दुनिया के विख्यात साइबर क्राइम व इंटेलीजेंस विशेषज्ञों द्वारा साइबर क्राइम रोकथाम के गुर सिखाए गए।

- इस समिट में ऑनलाइन गेमिंग और गेम्बलिंग, क्रिप्टोकरेंसी और क्रिप्टो-ट्रेड अपराधों जैसे महत्वपूर्ण विषयों के साथ वित्तीय धोखाधड़ी पर बात हुई।

- एन्क्रिप्टेड व्हीओआईपी संचार पर अपराध को हल करने, ड्रोन तकनीक इंटरनेट ऑफ थिंग्स, आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और अन्य विषयों पर मंथन हुआ।

- यह समिट महिलाओं एवं बच्चों के खिलाफ होने वाले साइबर अपराध रोकने एवं पुलिस अधिकारियों की कार्य क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से भी आयोजित की गई थी।

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