पूर्व विधायकों को प्रोटोकॉल में शामिल करने की तैयारी, विस अध्यक्ष ने कहा-सीएम को सौंपेंगे प्रस्ताव

भोपाल। मप्र विधानसभा ( MP Assembly ) के पूर्व विधायकों ( Ex. MLA's ) को शासकीय प्रोटोकॉल ( Protocol ) सूची में शामिल किए जाने की तैयारी शुरू हो गई है। मप्र विधानसभा के अध्यक्ष ( Speaker ) गिरीश गौतम ( Girish Gautam ) ने कहा कि पूर्व सदस्यों की ओर से मांग मिली है। इस संबंध में जल्द ही विस सचिवालय द्वारा प्रस्ताव मुख्यमंत्री ( Chief Minister ) शिवराजसिंह चौहान ( Shivraj Singh Chouhan ) को भेजा जाएगा। गौतम गुरुवार को विधानसभा परिसर में आयोजित विधानसभा के पूर्व सदस्यों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर पूर्व सदस्यों की ओर से उनको सुविधाएं और पेंशन की राशि बढाए जाने सहित अन्य मांगों को लेकर पत्र विधानसभा अध्यक्ष को सौंपा गया।
मप्र विधानसभा परिसर के आडिटोरियम में गुरुवार को मप्र विधानसभा के पूर्व सदस्यों का सम्मेलन आयोजित किया गया। सम्मेलन की अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने की, जबकि इसमें पूर्व विधायक मंडल के अध्यक्ष जसवंत सिंह, पूर्व विधायक परिषद के अध्यक्ष ब्रजेंद्र सिंह सिसौदिया, पूर्व विधायक व पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा, पूर्व मंत्री गौरीशंकर शेजवार, पूर्व सदस्य नारायण सिंह केसरी, सबसे वरिष्ठ पांचवी विधानसभा में विधायक रहे और वर्तमान के पूर्व सदस्य रामगोपाल भारती, मप्र विधानसभा के सचिव अवधेश प्रताप सिंह आदि मंच पर आसीन थे। कार्यक्रम में पूर्व विधायक चौधरी मुकेश चतुवेर्दी, रमेश शर्मा गुट्टू भैया, महेंद्र बागरी सहित प्रदेश के 260 पूर्व विधायक शामिल हुए। जिसमें महिला प्रतिनिधि भी मौजूद थीं। आभार रघुनंदन शर्मा ने माना।
हम फेस टू फेस से फेसबुक के दौर में पहुंच गए -
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि आजकल राजनीति के वातावरण में भी बहुत परिवर्तन हो। गया है। पहले हम फेस टू फेस मिलते थे, लेकिन अब फेसबुक पर मिलते हैं, यस समाज के लिए ठीक नहीं है। इससे आत्मीयता का भाव कम हो रहा है। अध्यक्ष ने कहा कि सदन में भी आज कल वाद विवाद बहुत होता है, संवाद नहीं हो पाता। हर कोई बोलता है, सुनता कोई किसी की नहीं। यह किसी मसले के समाधान में बाधा उत्पन्न करता है। ऐसा नहीं होना चाहिए।
फिर शुरू होंगे उत्कृष्टता पुरस्कार -
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में साल 2008 से विधानसभा द्वारा दिए जाने वाले पुरस्कार नहीं दिए गए। अब हम फिर इस साल से इन्हें शुरू करने जा रहे हैं। 9 मार्च को लोकसभाध्यक्ष ओम बिड़ला के मुख्यातिथ्य में ये पुरस्कार दिए जाएंगे। सत्ता पक्ष व विपक्ष के एक एक विधायक को उत्कृष्टता पुरस्कार दिया जाएगा। ऐसे ही उत्कृष्ट मंत्री को भी पुरस्कार दिया जाएगा।
विधायक विश्राम गृह में अब नहीं लगेगा शुल्क, नास्ता भी फ्री -
विस अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि अभी पूर्व सदस्यों से विधायक विश्राम गृह में रुकने के लिए 20 रुपये का शुल्क लिया जाता था, जो मैने खत्म कर दिया, अब निशुल्क छह दिन तक रुक सकेंगे। उनके चाय- नास्ता की फ्री व्यवस्था भी विधानसभा सचिवालय करेगा।
यह हैं प्रमुख मांगें -
- पूर्व विधायकों को सरकारी प्रोटोकॉल सूची में शामिल किया जाए।
- पेंशन बढ़ाई जाए।
- नि:शुल्क इलाज सुविधा दी जाए।
- ट्रेन में एसी सेकंड के स्थान पर एसी फर्स्ट में यात्रा की सुविधा दी जाए।
- यात्रा कूपन बदलने की सुविधा का सरलीकरण किया जाए।
- विधायक विश्राम गृह भोपाल में एवं सरकारी रेस्ट हाउसों में नि:शुल्क रुकने की व्यवस्था हो।
- सरकारी समितियों में स्थान दिया जाए।
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