राष्ट्रपति की सुरक्षा व्यवस्था - 12 आईपीएस तीन मेजर स्पाट पर रहेंगे मौजूद , ढाई हजार जवान सुरक्षा में होंगे तैनात

भोपाल - राजधानी में राष्ट्रपति द्रौपति मुर्मू की सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस ने दूसरे दिन की तैयारियां पूरी कर ली है। आज सुबह 9 बजे से पुलिस के जवानों को लाल परेड, राजभवन के लेकर 26 प्वाइंट्स पर तैनात किया गया है। खास बात है कि राजभवन ने कार्यक्रम स्थल मोती लाल नेहरू स्टेडियम के रूट पर तीन आईपीएस को जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं ट्रैफिक रूट, कार्यक्रम स्थल और स्टेट हैंगर पर आईपीएस को सुरक्षा व्यवस्था संभालने के लिए निर्देश दिए गए हैं। वहीं जेड प्लस सिक्योरिटी प्लान की व्यवस्थित करने के लिए खुद सीपी मकरंद देउस्कर भी नजर रखेंगे।
यानी कि 6 घंटे के लिए पुलिस के जवान और अफसरों ड्यूटी स्थल पर स्डैंड वाय पर रहेंगे। जिस जगह पर राष्ट्रपति का कार्यक्रम है। यहां पर 3 किलोमीटर के दायरे में नो-फ्लाइंग जोन घोषित किया गया है। पुलिस ने गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद यह फैसला किया है। उल्लंघन करने पर धारा-188 के तहत कार्रवाई की जाएगी। डीसीपी विजय भागवानी ने बताया कि 16 नवंबर को संभावित खतरों को देखते हुए कार्यक्रम स्थल मोतीलाल नेहरू स्टेडियम के आसपास ड्रोन, पैराग्लाइडर, हाट बैलून और अन्य फ्लाइंग आब्जेक्ट उड़ाने पर बैन किया गया है। सिर्फ कमर्शियल फ्लाइट इस आदेश से मुक्त रहेंगे। अधिकारियों ने बताया कि सुबह 11.30 राष्ट्रपति द्रौपति मुर्मू कार्यक्रम स्थल के लिए रवाना होंगी। राजभवन के बाहर पुलिस के जवानों के साथ दो आईपीएस 1 किलोमीटर के दायरे में वीआईपी प्रोटोकाल के तहत शामिल होंगे। कार्यक्रम के बाद राजभवन से लेकर स्टेट हैंगर के सभी इलाकों में पुलिस जवान तैनात किए जाएंगे।
ऐसी रहेगी सिक्योरिटी प्लानिंग
- सूत्रों ने बताया कि राजभवन से स्टेट हैंगर के रूट में पुलिस के 26 प्वाइंट्स बनाए गए हैं। गाली, चौराहों के आस-पास के रूटों को डायवर्ट कर दिया है। इसके अलावा सभी प्वाइंट्स पर इंस्पेक्टर, एसआई को जवानों के साथ तैनात किया जाएगा। राष्ट्रपति के मूवमेंट से ठीक एक घंटे पहले सभी रास्तों को बंद कर दिया जाएगा। राष्ट्रपति के काफिल के दौरान दो दर्जन से अधिक वाहन शामिल रहेंगे। ऐसे में कोई व्यक्ति प्रवेश न सके। इस लिहाज से प्लानिंग तैयार की गई है।
55 सिक्योरिडी गार्ड के बीच चलेगा काफिला
- अधिकारियों ने बताया कि जेड प्लस सुरक्षा प्रणाली में दो सुरक्षा सेवा अधिकारी (पीएसओ) होते हैं, जो एक साथ वीवीआईपी को सुरक्षा कवर प्रदान करते हैं। मूवमेंट रूट के एंट्री-एग्जिट पर सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं। सुरक्षा कवर की इस श्रेणी में एक वाहन का पायलट के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। ये एसपीजी के बाद देश की दूसरी सबसे खास सुरक्षा है। जेड प्लस सुरक्षा में कुल 55 सुरक्षाकर्मी होते हैं। इसमें 36 सुरक्षाकर्मी, इनमें 10 एनएसजी और कमांडो होते हैं, साथ ही कुछ पुलिस भी शामिल होती है।
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