पुलिस कर्मियों का पोषण आहार भत्ता बढा़ने का प्रस्ताव स्थगित, थाने में बंद मुल्जिमों जैसी मिलती है राशि

भोपाल। प्रदेश में कानून व सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने में अहम भूमिका निभाने वाले पुलिस कर्मियों का पोषण आहार भत्ता नहीं बढ़ाया जाएगा। इससे संबंधित प्रस्ताव को फिलहाल स्थिगत कर दिया गया है। ड्यूटी के दौरान भूख मिटाने के लिए पुलिस कर्मियों को महज 25 रुपए दिए जाते हैं। थाने में बंद मुल्जिम और पुलिस कर्मियों को भोजन के लिए एक जैसी रकम दी जाती है।
खाने के लिए मिलते हैं मात्र 70 रुपए
ड्यूटी के दाैरान पुलिसकर्मियाें के खाने के लिए कुल 70 रुपए मिलते हैं, इनमेंं 20 रुपए का नाश्ता और 25-25 रुपए का दो बार खाना दिया जाता है। इतनी कम रकम में पुलिस कर्मियों को अपनी ड्यूटी करनी पड़ती है। इतनी ही रकम का खाना थाने की लॉकअप में बंद मुल्जिमों को भी दिया जाता है। सिपाही से इंस्पेक्टर तक को 18 रुपए विशेष पुलिस भत्ता दिया जाता है। इसकी शुरूआत 1978 में कानून व्यवस्था ड्यूटी के दौरान हुई थी। तब से अब तक इतना ही भत्ता दिया जा रहा है।
30 रुपए मिलता है रायफल भत्ता
पुलिसकर्मियों को राइफल भत्ते के तौर पर पहले 10 रुपए दिए जाते थे, इसकी शुरूआत तब हुई थी जब उनका वेतन 50 रुपए से भी कम था। बाद में इसे बढ़ाकर 20 रुपए कर दिया गया। इसके बाद एक बार फिर पुलिस विभाग में विसबल के आरक्षक व प्रधान आरक्षक को रायफल भत्ता 20 रुपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 30 रुपए प्रतिमाह किया गया है।
इस युग में भी सायकल भत्ता
पुलिस कर्मियों को आज के युग में भी साईकल का भत्ता दिया जाता है। बाईक कार से अपराध को अंजाम देने वाले अपराधियों को पकड़ने या पेट्रोलिंग के लिए सरकारी रिकार्ड में पुलिसकर्मी अब भी साईकल के भरोसे हैं। साईकल भत्ता देने की शुरूआत 1977 में तब हुई थी। जब पुलिस कर्मी साईकल से पेट्रोलिंग करते थे, तब से अब तक यही हालात है।
भत्ता एक नजर में
भत्ता राशि
भोजन भत्ता 25-25 रु दो बार
नाश्ता 20 रु
राइफल भत्ता 30 रु
विशेष पुलिस भत्ता 18 रु
साईकल भत्ता 18 रु
अावास भत्ता 400 रु
वर्दी भत्ता 700 रु
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