वंदे भारत ट्रेन में यात्री का आया हार्ट अटैक, ट्रेन में यात्रा कर रहे डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार व आरपीएफ जवान की तत्परता से बची जान

भोपाल। रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से हजरत निजामउद्दीन जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस में एक यात्री को सोमवार सुबह माइनर हार्ट अटैक आया। जिसके बाद ट्रेन को सुबह करीब 7:10 बजे बीना स्टेशन पर रोककर यात्री को अस्पताल पहुंचाया गया। जहां अब यात्री की हालत ठीक है।
जानकारी के अनुसार सोमवार सुबह वंदे भारत एक्सप्रेस 5.45 बजे रानी कमलापति स्टेशन से रवाना हुई थी। ट्रेन सुबह 6.30 बजे जब विदिशा रेलवे स्टेशन क्रास कर रही थी, तभी कोच सी-10 में सफर कर रहे एक बुजुर्ग की सेहत बिगड़ गई। इस दौरान ट्रेन में मौजूद आरपीएफ जवान इंदर यादव ने तत्काल ट्रेन में बतौर यात्री सफर कर रहे दो डॉक्टर्स का पता कर उनको बुलाकर बुजुर्ग को प्राथमिक इलाज उपलब्ध कराया। तो वहीं मंडल प्रबंधक की ओर से ट्रेन का स्टॉपेज न होने के बाद बीना स्टेशन पर ट्रेन को रोका गया। जहां पर पहले से मौजद रेलवे अधिकारी व डॉक्टरों की टीम ने तत्काल यात्री अस्पताल पहुंचाया गया। ट्रेन में रेलवे हॉस्पिटल भोपाल में अपर मुख्य चिकित्स अधीक्षक डॉ. कुलदीप मिश्रा और बुदनी के डॉ. अनुपम शर्मा सफर कर रहे थे। उनके अनुसार यात्री को एक माइनर हार्ट अटैक आया था।
गिर रही थी पल्स
भोपाल रेल मंडल के प्रवक्ता सुबेदार सिंह ने बताया कि बावड़ियां कलां के रहने वाले अवधेश खरे और उनकी पत्नी रीता वंदे भारत एक्सप्रेस से रानी कमलापति से हजरत निजामउद्दीन के लिए यात्रा कर रहे थे। वंदे भारत के कोच सी - 10 में मौजूद थे। ट्रेन के विदिशा रेलवे स्टेशन क्रॉस करने के कुछ समय बाद ही अवधेश खरे को सीने में दर्द की शिकायत हुई। इसके साथ ही वह पसीने में भीग गए। वहीं साथ में सफर कर रही पत्नी रीता ने कोच में मौजूद दूसरे यात्रियों से मदद मांगी। तभी कोच में पहुंचे आरपीएफ जवान इंदर यादव और उनकी टीम ने तत्काल टीटीई से संपर्क कर, लोको पायलट तक सूचना पहुंचाई। साथ ही ट्रेन में अनाउंसमेंट कर वंदेभारत में सफर कर रहे दो डॉक्टर्स से संपर्क किया गया। कोच में मौजूद डॉक्टर्स ने जब अवधेश खरे की मेडिकल जांच की, तब उनकी पल्स बहुत धीमी चल रही थी।
दूसरे कोच के यात्री ने दी जरूरी दवा
मेडिकल जांच में अवधेश खरे को माइनर हार्ट अटैक आने की पुष्टि ट्रेन में सफर कर रहे दो डॉक्टर्स ने की। साथ ही तेजी से बिगड़ रही सेहत को स्थिर करने के लिए जरूरी दवाओं की उपलब्धता के बारे में पेशेंट की अटेंडेंस से पूछा। लेकिन, मरीज के परिजनों के पास कोई दवा उपलब्ध नहीं थी। इसके चलते ट्रेन में लगाए गए कोच अनाउंसमेंट सिस्टम की मदद से जरूरी दवाओं के नाम अनाउंस कर, यात्रियों से उपलब्धता पूछी गई। इसके बाद दूसरे कोच में सफर कर रहे एक यात्री ने डॉक्टर द्वारा मांगी गई दवा अवधेश खरे का इलाज कर रहे दोनों डॉक्टरों को मुहैया कराई। जो मरीज को दी गई। इससे पेशेंट की हालत स्थिर हो गई और ट्रेन के बीना रेलवे स्टेशन पहुंचने पर रोककर एंबुलेंस में शिफ्ट कर, रेलवे हॉस्पिटल बीना पहुंचाया गया।
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