पैकेट बंद सामग्री के परिवहन को लेकर रेलवे ने बनाई नई योजना

भोपाल। रेलवे अब यात्री के सफर करने वाले पुराने कोचों से माल की ढुलाई के लिए उपयोग करने की योजान पर काम कर रहा है। इससे जहां रेलवे की आय बढ़ेगी। तो वहीं व्यापारी भी कम किराए में पहले से और सुरक्षित माल की ढुलाई हो सकेगी। मुख्य रूप से इन कोचों से पैकेट बंद खाद्य सामग्री का परिवहन किए जाने की योजना है। इस संबंध में पश्चिम मध्य रेलवे की ओर से एक प्रस्ताव तैयार कर रेलवे बोर्ड को भेजा है। जहां से अनुमति मिलने के बाद इस योजना को भोपाल सहित तीनों रेल मंडल में लागू किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण के बाद रेलवे ने अधिक से अधिक माल ढुलाई करानी शुरू कर दी है। छोटे से छोटे व्यापारियों तक से माल ढुलाई कराने के लिए प्रत्येक मंडल में व्यापार विकास यूनिट बनाई गई है। यूनिट के अधिकारी लगातार व्यापारियों से संपर्क कर रहे हैं। जिससे लगातार माल ढुलाई में वृद्धि हो रही है।
मंडल से रोजाना 198 ट्रेनें गुजरती है
भोपाल रेल मंडल से होकर प्रतिदिन औसत 198 मालगाड़ी देश के विभिन्न जगहों के लिए जाती हैं। रेलवे ने 20 साल से अधिक पुराने कोच को धीरे-धीरे हटाना भी शुरू कर दिया है। इसके स्थान पर आधुनिक सुविधा वाला एलएचबी कोच ट्रेनों में लगाया जा रहा है। रेलवे ने माल ढुलाई को भी पहले से ओर बेहतर व सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से खाली पड़े यात्री कोच से माल ढुलाई कराने की योजना तैयार की है। इस कोच से चावल-गेहूं से स्थान पर पैकेट बंद खाद्य पदार्थों को भेजा जाएगा। इसके अलावा प्रदेश से रेत का परिवहन व प्रदेश की कई बड़ी फैक्ट्रियां हैं, फैक्ट्री संचालक का माल सही समय व पहले और सुरक्षित पहुंचाने के लिए यह योजना बनाई है। नई व्यवस्था के बाद व्यापारियों को कम किराए में माल की ढुलाई की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
रेलवे पर व्यापारियों का विश्वास बढ़ा
कोरोना काल के बाद से लगातार व्यापारियों का विश्वास भी रेलवे विभाग के ऊपर बढ़ा है। इसकी चलते लगातार अधिक से अधिक संख्या में व्यापारी सड़क मार्ग की जगह रेल मार्ग यानी ट्रेनों से माल भेजना पसंद कर रहे है। रेलवे सूत्रों के अनुसार चालू वित्तीय साल के प्रथम दो माह अप्रैल व मई में मंडल को कुल 168.40 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ था। यानी कोरोना काल में यात्री ट्रेनों के बंद होने के बाद भी रेलवे ने माल भाड़े से अपनी आमदनी को बढ़ाया।
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