भोपाल स्टेशन पर रेलवे ने 90 फीसदी ट्रेनें की बहाल, लेकिन रियायतों पर अभी तक बंदिशें

भोपाल स्टेशन पर रेलवे ने 90 फीसदी ट्रेनें की बहाल, लेकिन रियायतों पर अभी तक बंदिशें
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कोरोना की पहली और दूसरी लहर में बंद की गई 90 फीसदी ट्रेनें पुन: पटरी पर दौड़ने लगी हैं, लेकिन रियायतों पर अभी भी बंदिशें लागू हैं। इसका नुकसान रेल यात्रियों को हो रहा है। भोपाल रेल मंडल के 95 स्टेशनों से रोजाना एक लाख से अधिक यात्री ट्रेनों में सफर करते हैं। इनमें से 25 हजार यात्री ऐसे हैं, जिन्हें कोरोना संक्रमण के पहले तक मुख्य किराए में रियायतें मिलती थीं, जो अब नहीं मिल रही हैं।

भोपाल। कोरोना की पहली और दूसरी लहर में बंद की गई 90 फीसदr ट्रेनें पुन: पटरी पर दौड़ने लगी हैं, लेकिन रियायतों पर अभी भी बंदिशें लागू हैं। इसका नुकसान रेल यात्रियों (train passenger) को हो रहा है। भोपाल रेल मंडल (bhopal rail division) के 95 स्टेशनों से रोजाना एक लाख से अधिक यात्री ट्रेनों में सफर करते हैं। इनमें से 25 हजार यात्री ऐसे हैं, जिन्हें कोरोना संक्रमण के पहले तक मुख्य किराए में रियायतें मिलती थीं, जो अब नहीं मिल रही हैं। उल्लेखनीय कि रेलवे ने ट्रेनों को विशेष श्रेणी में रखा है। जब भी ट्रेनों को इस श्रेणी में रखा जाता है तब किराए में छूट बंद कर दी जाती है। केवल दिव्यांग यात्री और कैंसर समेत 11 गंभीर बीमारियों से जूझने वाले मरीजों को किराए में छूट बहाल की है। विजय प्रकाश,सीनियर डीसीएम भोपाल रेल मंडल हरिभूमि से कहते हैं कि सीनियर सिटीजन,डॉक्टर आदि सहित कुछ श्रेणी में रियायत शुरू करने को लेकर अभी रेलवे की ओर से कोई अपडेट नहीं आया है। जैसे ही आएगा,इसको लागू किया जाएगा।

सीनियर सिटीजन को मिलती थी 40 फीसदी छूट

60 साल उम्र के पुरुष यात्री को किराए में 40 फीसदी की छूट दी जाती थी। मतलब सामान्य यात्रियों के लिए यदि कुल किराया 100 रुपए है तो इस श्रेणी में आने वाले वरिष्ठ पुरुष यात्री को 60 रुपए ही देने होते थे, जो कि अब 100 रुपए ही चुकाने पड़ रहे हैं। 58 साल की महिला यात्री को किराए में 50 फीसदी की छूट दी जाती थी। यह भी बंद है। इस तरह 53 अन्य श्रेणियों के तहत राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक, खिलाड़ी समेत अन्य श्रेणियों में संबंधितों को मूल किराए में छूट दी जाती थी जो कि फिलहाल बंद है।

अभी कुछ ट्रेनों में मासिक पास की छूट

भोपाल व हबीबगंज (Bhopal and Habibganj) से गुजरने वाली 130 से अधिक ट्रेनों में मासिक रेल पास दिए जाते थे। हजारों यात्री इन पास के जरिए यात्रा करते थे। इनमें मामूली किराया ही चुकाना पड़ता था। रेलवे ने यह पास बंद कर किए हुए हैं। हाल ही में मेमू समेत पांच से आठ ट्रेनों में मासिक रेल पास की सुविधा बहाल की है, जो पर्याप्त नहीं है।


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