हाय रे विकास ! महिला के शव को घर तक पहुंचाने के लिए परिजनों को नहीं मिला वाहन, 5 किलोमीटर तक ऐसे किया सफर

हाय रे विकास ! महिला के शव को घर तक पहुंचाने के लिए परिजनों को नहीं मिला वाहन, 5 किलोमीटर तक ऐसे किया सफर
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यह घटना बुढ़ार मुख्यालय से महज पांच किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत चीटूहला की है। जहां देर रात कुएं में गिरने की वजह से महिला की मौत हो गई। यह मृतक महिला गांव की सरपंच की सांस थी। बावजूद इसके सरपंच को एंबुलेंस सुविधा नहीं मिली, लगातार मृतिका के परिजनों द्वारा बुढ़ार अस्पताल से एंबुलेंस और शव वाहन गांव भेजने के लिए संपर्क किया, लेकिन वाहन नहीं मिला।

शहडोल :मध्य प्रदेश के शहडोल से इंसानियत को शर्मसार करने तस्वीर सामने आई है। जहां एक बेटे को शव वाहन नहीं मिलने की वजह से मृतक मां के शरीर को रिक्शे की मदद से घर तक पहुंचना पड़ा। इतना ही नहीं बेटे को एक नहीं बल्कि दो बार भरी दोपहरी में खुले में शव को रिक्शे से ले जाना पड़ा। जिसका वीडियो और फोटो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रह है।

शव को रिक्शे की मदद से 5 किलोमीटर तक ले जाना पड़ा

बता दें कि कि मृतक महिला की मौत घर में स्थित कुएं में गिरने से हुई थी। जिसकी जानकारी परिजनों ने पुलिस को दी,लेकिन जिम्मेदार पुलिसकर्मियों ने सिर्फ पंचनामा कर परिजनों को शव अस्पताल तक पहुंचाने की बात कही, इस दौरान परिजनों को शव वाहन तक नहीं मिला जिसकी वजह से मजबूरन घरवालों को शव को रिक्शे की मदद से 5 किलोमीटर तक ले जाना पड़ा।

हेल्पलाइन पर लगातार परिजन शव वाहन की मांग करते रहे

यह घटना बुढ़ार मुख्यालय से महज पांच किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत चीटूहला की है। जहां देर रात कुएं में गिरने की वजह से महिला की मौत हो गई। यह मृतक महिला गांव की सरपंच की सांस थी। बावजूद इसके सरपंच को एंबुलेंस सुविधा नहीं मिली, लगातार मृतिका के परिजनों द्वारा बुढ़ार अस्पताल से एंबुलेंस और शव वाहन गांव भेजने के लिए संपर्क किया, लेकिन वाहन नहीं मिला। उसके बाद मृतिका के पुत्र (सरपंच पति) और एक अन्य लोग शव को मालवाहक रिक्शे में रखकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बुढ़ार लेकर आए।

प्रशासन और सरकार के झूठे वादों की खुली पोल

जहां पर महिला का पोस्टमार्टम किया गया। लेकिन इसके बाद भी महिला के शव को घर तक ले जाने के शव वाहन नहीं दिया गया। मजबूरन परिजनों को दोबारा शव को रिक्शे की मदद से घर तक पहुंचना पड़ा। इस तस्वीर के सामने आने के बाद एक बार फिर जनता के सामने प्रशासन और सरकार के झूठे वादों की पोल खुल गई है। बता दें कि यह कोई पहला मामला नहीं जब इस तरह की घटना सामने आई हो, इसके पहले भी इस तरह की कोई मानवता को शर्मसार करने वाली तस्वीरें सामने आ चुकी है। लेकिन प्रशासन और सरकार ने अपनी आखें बंद कर रखी है।

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