बढ़ती गर्मी में 15 अप्रैल से 15 जुलाई तक वकीलों को राहत, निचली अदालतों में बिना काला कोट पहने कर सकेंगे पैरवी

भोपाल। बढ़ती गर्मी के चलते मध्य प्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद ने यह फैसला लिया है कि 15 अप्रैल से 15 जुलाई तक वकील बिना काले कोट (यूनीफॉर्म) के ही पैरवी कर सकेंगे, लेकिन यह राहत मध्य प्रदेश में निचली अदालतों के वकीलों तक सीमित है। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में कोट पहनना अनिवार्य ही रहेगा।
परिषद ने जारी की अधिसूचना
जिला अभिभाषक संघ भोपाल के अध्यक्ष डॉ. पीसी कोठारी के अनुसार मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की है। जिसमें उल्लेख है कि बार कौंसिल ऑफ इंडिया के चैप्टर 4 , पार्ट 6, नियम 4 के तहत गर्मियों में वकीलों को कोर्ट पहनने की अनिवार्यता से राहत देने का प्रावधान है। इसके आधार पर मध्यप्रदेश की निचली अदालतों में 15 अप्रैल से 15 जुलाई के बीच वकीलों को अपना काम करते हुए कोर्ट पहनने से राहत दी गई है।
वकीलों के बैठने के लिए पर्याप्त स्थान नहीं
कई जिलों और तहसीलों के अधिवक्ता संघों ने राज्य परिषद से कोट से राहत देने की मांग की थी। जिला और तहसील के अधिवक्ता संघों में वकीलों के बैठने के लिए पर्याप्त स्थान नहीं है। इस वजह से उन्हें अपना काम करने के लिए खुले प्रांगण में और भवन के बाहर बैठना पड़ता है। बिजली न होने से परेशानियां भी बढ़ जाती हैं। इस वजह से बार कौंसिल ऑफ इंडिया के नियम के आधार पर कोर्ट की कार्यवाही के दौरान कोट पहनने की अनिवार्यता से राहत दी जाए। उल्लेखनीय है कि अधिवक्ता परिषद ने साफ किया है कि 15 अप्रैल से 15 जुलाई की अवधि में वकील सफेद शर्ट और काली, सफेद, धारी वाली, ग्रे रंग की पेंट और एडवोकेट बैंड पहनकर अपना काम कर सकेंगे।
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