मध्यप्रदेश में हुआ जिला पंचायत अध्यक्षों के लिए आरक्षण, ओबीसी के हिस्से आईं सिर्फ चार सीटें

भोपाल। मप्र के 52 जिलों के जिला पंचायत अध्यक्षों के आरक्षण की कार्रवाई मंगलवार को पूरी हो गई। इसमें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के खाते में 4 जिले ही आए हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 50 फीसदी जिलों का आरक्षण होना है। इस हिसाब से 26 में से 4 जिले ओबीसी के लिए आरक्षित हुए, जबकि अनुसूचित जनजाति एससी के लिए 8 व बाकी बचे 14 जिले अनुसूचित जन जाति एसटी के लिए आरक्षित हुए हैं। बाकी 26 जिले अनारक्षित रहेंगे।
26 जिले अनारक्षति श्रेणी में
आरक्षण की कार्रवाही भोपाल में हुई। इसमें 26 जिले अनारक्षित श्रेणी में रखे गए हैं। इनमें आधे में महिला व आधे में पुरूष सीटें होंगी। जबकि 50 फीसदी आरक्षण के दायरे में बाकी बचे 26 जिले हैं। ओबीसी के लिए 4 जिलाे गुना, शाजापुर, दमोह और मंदसौर हुए हैं। इसीतरह इनमें से जिला पंचायत के 8 जिलाें ग्वालियर, खंडवा, छिंदवाड़ा, इंदौर, सिवनी, कटनी, रतलाम व देवास को अनुसुचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित किया गया है। जबकि अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए झाबुआ, आलीराजपुर, बड़वानी, डिंडोरी, मंडला, श्योपुर, नर्मदापुरम, सतना, सिंगरौली, हरदा, जबलपुर, बुरहानपुर, रीवा और नरसिंहपुर जिलों को आरक्षित किया गया है। (महिला)
सूची को इस तरह से देखिए
ओबीसी के लिए आरक्षित जिले---- गुना, शाजापुर, दमोह और मंदसौर
एसी के लिए अारक्षित जिले---- ग्वालियर, खंडवा, छिंदवाड़ा, इंदौर, सिवनी, कटनी, रतलाम और देवास
एसटी के लिए आरक्षित जिले---- झाबुआ, आलीराजपुर, बड़वानी, डिंडोरी, मंडला, श्योपुर, नर्मदापुरम, सतना, सिंगरौली, हरदा, जबलपुर, बुरहानपुर, रीवा और नरसिंहपुर
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