ट्रेन में चढ़ने के दौरान फिसलकर नीचे गिरे रहे बुजुर्ग की आरपीएफ जवान ने बचाई जान

भोपाल,। भोपाल रेलवे स्टेशन पर मंगलवार सुबह एक यात्री ट्रेन व प्लेटफार्म के बीच फंस गया। वह ट्रेन की दिशा में घिसटने लगा। करीब 50 सेकंड तक घिसटता रहा। वह ट्रेन के नीचे आता, उसके पहले प्लेटफार्म पर ड्यूटी कर रहे आरपीएफ आरक्षक रवींद्र सिंह की नजर उस पर पड़ी और उसने अपनी जान पर खेलकर यात्री को बाहर खींचकर बचा लिया है।
जानकारी के अनुसार सुबह करीब 9.32 बजे प्लेटफार्म-1 की है। यात्री का नाम कमलेश सिंह है, वह प्रयागराज के कौशाम्बी के रहने वाले हैं, जो मुंबई में 30 वर्षों से आटो चलाते थे। वह अपने गांव से तुलसी एक्सप्रेस में मुंबई लौट रहे थे। पानी लेने के लिए स्टेशन पर उतरे थे। इतने में ट्रेन चलने लगी। वह ट्रेन पकड़ने के लिए दौड़े और ट्रेन पर चढ़ाने के लिए कोच के हैंडल पकड़ा ही था। इसके बाद पैर फिसलने से वह प्लेटफार्म व कोच के बीच घिसटने लगा। इस बीच ड्यूटी पर तैनात आरपीएफ जवान ने देखा और तुरंत यात्री को बचाने के लिए दौड़ लगा थी। वह तुरंत यात्री के पास पहुंचा और यात्री अपनी ओर खीच लिया। जिससे उसकी जान बच गई। इस बीच यात्रियों द्वारा ट्रेन की चैंन पुलिंग कर गाड़ी को रोक दिया। इस दौरान यात्री को कोई गंभीर चोट नहीं थी, इसलिए वह उसी ट्रेन में आगे के लिए रवाना हो गए । उल्लेखनीय है कि पिछले साल इस तरह की घटनाओं के कारण 10 से अधिक यात्रियों की जान जा चुकी है। दर्जनों घायल हो चुके हैं। भोपाल रेल मंडल के प्रवक्ता सुबेदार सिंह का कहना है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे की ओर से लगातार अभियान चलाया जा रहा है। भोपाल मंडल में डीआरएम सौरभ बंदोपाध्याय के दिशा-निर्देश पर सुरक्षा सप्ताह का आयोजन किया गया था। इस दौरान इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए यात्रियों को जागरूक किया गया था। नुक्कड़ नाटक भी प्लेटफार्म पर किया गया था।
यात्री बोला मेरी ही गलती थी
हादसे का शिकार होने से बचे यात्री कमलेश सिंह ने बताया कि वह पानी लेने उतरे थे, ट्रेन में चढ़ने में देरी कर दी थी। जब ट्रेन चलने लगी तो बोतल साथी यात्रियों को पकड़ा कर चढ़ने की कोशिश की थी। कोच के हैंडल पकड़ लिए थे लेकिन पैर फिसल गए थे। संभलने का मौका ही नहीं मिला, क्योंकि गेट पर खड़े यात्री अंदर जाने का रास्ता नहीं दे रहे थे। यात्री का कहना है कि ट्रेन में बहुत भीड़ है, इसके कारण वह पानी भरने के लिए उतरने में भी लेट हो चुके थे।
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