Sanchi Vidhan Sabha Seat: हरिभूमि स्पेशल! खीच-खांच में फंसी सांची सीट, अंदरुनी संघर्ष में दोनों उलझीं कांग्रेस-BJP

Sanchi Vidhan Sabha Seat: हरिभूमि स्पेशल! खीच-खांच में फंसी सांची सीट, अंदरुनी संघर्ष में दोनों उलझीं कांग्रेस-BJP
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ज्योतिरादित्य सिंधिया की अगुवाई में कांग्रेस छोड़कर कई विधायक भी बीजेपी में शामिल हो गए। डॉक्टर प्रभुराम चौधरी को ज्योतिरादित्य सिंधिया का बेहद करीबी माना जाता है। 2020 में कराए गए उपचुनाव में बीजेपी ने चौधरी को ही यहां से मैदान में उतारा तो बड़ी जीत का रिकॉर्ड बना दिया।

MP ELECTION2023: भोपाल। सांची स्तूप के लिए प्रसिद्ध मध्य प्रदेश का रायसेन जिला एमपी की सियासत में अलग स्थान रखता है। रायसेन और गैरतगंज तहसील को मिला कर बनाई गई ये विधान सभा सीट कई सालों से बीजेपी के कब्जे में है। साल 2020 में सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने के बाद उनके संमर्थकों ने भी पाला बदला और बीजेपी में शामिल हो गए। जिसमें सांची विधानसभा सीट भी शामिल थी। जिसके विधायक प्रभुराम चौधरी हैं।

बता दें कि इस जिले में 4 विधान सभा सीटें आती है, जिसमें सांची विधानसभा सीट जो अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व है। यह प्रदेश की हाई प्रोफाइल सीट में गिनी जाती है और इसे कई सालों से बीजेपी का गढ़ माना जाता है। साल 2020 में राज्य में हुए भारी दलबदल के बाद यहां भी उपचुनाव कराया गया था। जिसमें बीजेपी को जीत मिली थी। वहीं इस बार भारतीय जनता पार्टी ने सांची सीट से डॉक्टर प्रभुराम चौधरी को मैदान में उतारा है तो कांग्रेस ने डॉक्टर सीजी गौतम को टिकट दिया है।

ज्योतिरादित्य सिंधिया की अगुवाई में कांग्रेस छोड़कर कई विधायक भी बीजेपी में शामिल हो गए। डॉक्टर प्रभुराम चौधरी को ज्योतिरादित्य सिंधिया का बेहद करीबी माना जाता है। 2020 में कराए गए उपचुनाव में बीजेपी ने चौधरी को ही यहां से मैदान में उतारा तो बड़ी जीत का रिकॉर्ड बना दिया। उन्होंने कांग्रेस के मदनलाल को 63 हजार मतों के अंतर से हरा दिया। इस सीट पर यह सबसे अधिक मतों से जीत का रिकार्ड भी है। फिर राज्य में बीजेपी की सरकार बनी तो उन्हें स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया। तो वहीं देखना होगा की आने वाली 3 दिसंबर की तारीख किसके पक्ष में जाती है।

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