सतना : चोरी के संदेही की लॉकअप में मौत, सवालों के घेरे में RPF की कार्यवाही

सतना। मध्यप्रदेश के सतना में आरपीएफ के लॉकअप में चोरी के संदेही की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है। मृतक के परिजन शव का परीक्षण कराने को तैयार नहीं थे औऱ बवाल की स्थिति निर्मित हो रही थी। ऐसे में सतना पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और परिजनों को समझाइश दी, तब कहीं जाकर परिजन पोस्टमार्टम के लिए राजी हुए। इसके बाद तीन सदस्यीय डॉक्टरों की टीम ने मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में पोस्टमार्टम किया गया।
दरअसल रीवा निवासी 18 वर्षीय अंशू पासी को बुधवार को आरपीएफ ने सतना स्टेशन में चोरी के संदेह में पकड़ा था। अंशू पर महानगरी एक्सप्रेस ट्रेन में यात्रियों के मोबाइल चोरी का आरोप था। कथित चोरी के संदेही को आरपीएफ लॉकअप में रखा गया था और गिरफ्तारी के दो घण्टे बाद ही उसकी संदिग्ध परिस्थियों में मौत हो गई। इसके बाद आरपीएफ ने गुपचुप तरीके से शव को फांसी से उतार कर जिला अस्पताल में शिफ्ट कर दिया और मामले में करीब चार घण्टे तक पर्दा डाले रखा। आखिरकार करीब 10 बजे रात मृतक के परिजनों को सूचना दी गई और मौत की वजह कम्बल से फांसी लगाना बताया गया।
हालांकि पूरी रात आरपीएफ थाने में हंगामा होता रहा। मामले की जांच करने आरपीएफ कमांडेंट देर रात पहुंचे और पूरे मामले को ज्यूडिशरी जांच के लिए पत्र लिखा था और अब आज मृतक का पोस्टमार्टम हुआ अभी तक किसी प्रकार की कोई कार्यवाही आरपीएफ कर्मचारियों पर नहीं हुई है।
बहरहाल मामले में आरपीएफ सवालों के घेरे में है। नियम के तहत यदि आरपीएफ के संदेही अपराधी को प्लेटफार्म में पकड़ती है उसे जीआरपी पुलिस को सौंपती है लेकिन इस मामले में आरपीएफ ने ऐसा नहीं किया। इतना ही नहीं किसी संदेही को लॉकअप में नहीं रखा जाता, अब सवाल यह उठता है कि दिन में लॉकअप में कंबल कहां से आया और जब संदेही आत्महत्या जैसा घातक कदम उठा रहा था, उस समय आरपीएफ के जवान कहां थे। उम्मीद है कि इन सब सवालों के जवाब ज्यूडिशरी जांच में सामने आएंगे।
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