अविश्वास प्रस्ताव पर वरिष्ठ मंत्री भूपेंद्र ने भी कांग्रेस को घेरा

भोपाल। शिवराज सरकार के खिलाफ आए अविश्वास प्रस्ताव पर मचा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। पहले संसदीय कार्य व गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। इसके बाद नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह भी सामने आ गए। मंत्री सिंह ने अविश्वास प्रस्ताव को कांग्रेस की आपसी गुटबाजी करार दिया। उन्होंने कहा कि पहली बार ऐसा हुआ कि विपक्ष के पास आरोपों को साबित करने के लिए कोई डाक्यूमेंट्स नहीं थे। वास्तव में अविश्वास प्रस्ताव का कोई आधार भी नहीं था, किंतु पेपर कटिंग के आधार पर प्रस्ताव सदन में ले आया गया।
मंत्री सिंह ने मीडिया से बातचीत में बताया कि विधानसभा में प्रस्ताव पर कांग्रेस सदस्य जीतू पटवारी बोल चुके हैं कि यदि उनका आरोप गलत निकला तो वे इस्तीफा दे देंगे। अब जब वे आरोप साबित नहीं कर पाए तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। ऐसे में अब समय आ गया है कि उनके खिलाफ अयोग्यता की कार्रवाई की जाए। उन्होंने बताया कि जिस तरह से विधानसभा में झूठ के आधार पर प्रस्ताव ले आया गया इससे साबित हाेता है कि कांग्रेस की कोई तैयारी नहीं थी।
मुख्यमंत्री के जवाब के समय विपक्ष बिखरा नजर आया-
मंत्री सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री जब कांग्रेस के आरोपो पर जवाब दे रहे थे तो उस वक्त विपक्ष में गुटबाजी, आपसी फूट इस कदर हावी दिखा कि पूरा विपक्ष बिखरा नजर आया। उन्होंने कहा कि जब आरोपो पर तथ्य व सबूत मांगे गए तो कांग्रेस के सदस्य अखबार की कटिंग दिखा रहे थे। उनके पास कोई डाक्यूमेंंट्स नहीं थे। कांग्रेस के खेमे में पूरी तरह से निराशा दिख रही थी। और तो और खुद नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ भी मौजूद नहीं थे। जब नेता प्रतिपक्ष मौजूद नहीं थे तो ऐसे में क्या कहते हैं। एक भी तथ्य प्रमाण के तौर पर नहीं थे।
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