vidisha news: सनसनीखेज खुलासा ! विदिशा में 40 जिंदा लोगों को कागजों पर किया गया मृत घोषित, एसपीआर पोर्टल सवालों के घेरे में

vidisha news: सनसनीखेज खुलासा ! विदिशा में 40 जिंदा लोगों को कागजों पर किया गया मृत घोषित, एसपीआर पोर्टल सवालों के घेरे में
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मध्य प्रदेश के विदिशा में जहां एक नहीं बल्कि 40 से ज्यादा लोगों को कागज़ में मृत घोषित कर दिया गया। इस मामले का खुलासा होने के बाद चारो तरफ हड़कप मच गया। जिसके बाद इस पूरे मामले की जानकारी लगते ही ग्राम पंचायत की सरपंच वर्षा राजपूत ने पुलिस को दी।

विदिशा : अपने सभी ने पंकज त्रिपाठी की फिल्म कागज़ तो देखी होगी। जिसमे जीते जी ज़िंदा युवक को कागज़ में मृत घोषित कर दिए जाता है। ऐसा ही कुछ हुआ मध्य प्रदेश के विदिशा में जहां एक नहीं बल्कि 40 से ज्यादा लोगों को कागज़ में मृत घोषित कर दिया गया। इस मामले का खुलासा होने के बाद चारो तरफ हड़कप मच गया। जिसके बाद इस पूरे मामले की जानकारी लगते ही ग्राम पंचायत की सरपंच वर्षा राजपूत ने पुलिस को दी।

एसपीआर पोर्टल में 40 से ज्यादा लोग मृत घोषित

बता दें कि ये पूरा मामला विदिशा जिले के कुरवाई क्षेत्र की ग्राम पंचायत खजुरिया जागीर की है। जहां 10 जून को करीब 5 लोगों के नाम एसपीआर पोर्टल से मृत घोषित कर दिए गए थे। जिसकी जानकारी 18 जून को ग्राम पंचायत की सरपंच वर्षा राजपूत को लगी तो पता चला कि करीब 40 लोगों को पहले ही मृत घोषित किया जा चुका है।

जनपद सीईओ और थाना प्रभारी को सरपंच ने दी जानकरी

इस बारे में सरपंच ने जनपद सीईओ और थाना प्रभारी को आवेदन के माध्यम से बताया कि ग्राम पंचायत खजुरिया जागीर के एसपीआर पोर्टल पर पिछले कुछ दिनों से किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा अनाधिकृत प्रवेश किया गया है। वहीं उसके डाटा से छेड़छाड़ की गई और कुछ जीवित लोगों को मृत दर्शाया गया है। सरपंच ने आरोप लगाते हुए कहा कि इससे मेरी छवि धूमिल करने का प्रयास किया गया है।

पंचायत सचिव के पास होती है पूरी जानकारी

बता दें कि एसपीआर पोर्टल की समस्त जानकारी पंचायत सचिव के पास होती है। इसमें सरपंच को कोई हस्तक्षेप नहीं होता। दरअसल वर्षा राजपूत बीजेपी महिला मोर्चा की मंडल अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि राजनैतिक द्वेष के चलते यह विरोधियों द्वारा की गई कारस्तानी है।

जिंदा साबित करने में होती है बहुत परेशानी

सरकारी कार्यप्रणाली ऐसी ही है कि यदि कोई व्यक्ति कागजों में मृत घोषित हो जाए, तो फिर उसे खुद के जिंदा होने की बात साबित करने में ऐड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ता है। कई-कई बार तो इस काम में सालों भी बीत जाते हैं, लेकिन कागजों में मरा व्यक्ति जिंदा नहीं हो पाता।

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