MP Politics : महिलाओं पर स्नेह लुटा रहे शिव और नाथ, लेकिन नेतृत्व में एक भी महिला नेता नहीं!

MP Politics : महिलाओं पर स्नेह लुटा रहे शिव और नाथ, लेकिन नेतृत्व में एक भी महिला नेता नहीं!
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मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों में महिलाओं की भूमिका निर्णायक के रूप में मानी जा रही है। विधानसभा चुनावों से पहले मुख्यमंत्री शिवराज महिलाओं पर धनवर्षा कर रहे है तो वही कमलनाथ कांग्रेस की सराकर बनने पर महिलाओं को आर्थिक सहायता देने का प्रलोभन दे रहे है, लेकिन विडंबना यह है कि प्रदेश संगठन में महिलाओं का प्रतिनिधित्व कहीं से कहीं तक नहीं दिखाई दे रहा है। दोनों दलों में एक भी महिला नेता नही है।

MP Politics : मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों में महिलाओं की भूमिका निर्णायक के रूप में मानी जा रही है। विधानसभा चुनावों से पहले मुख्यमंत्री शिवराज महिलाओं पर धनवर्षा कर रहे है तो वही कमलनाथ कांग्रेस की सराकर बनने पर महिलाओं को आर्थिक सहायता देने का प्रलोभन दे रहे है, लेकिन विडंबना यह है कि प्रदेश संगठन में महिलाओं का प्रतिनिधित्व कहीं से कहीं तक नहीं दिखाई दे रहा है। दोनों दलों में एक भी महिला नेता नही है।

मध्यप्रदेश भाजपा में उमा भारती का अहम स्थान था। लेकिन इन दिनों देखा जाए तो उमा भारती अपना जादू खोती जा रही है। बीजेपी ने भी उमा भरती के स्थान पर किसी अन्य महिला नेता को स्थान नहीं दिया। कुछ ऐसा ही हाल कांग्रेस का भी है। एक जमाने में जमुना देवी कांग्रेस महिला का बड़ा चेहरा हुआ करती थी। वह नेता प्रतिपक्ष और उपमुख्यमंत्री भी रहीं। जमुना देवी के निधन के बाद कांग्रेस ने उनके स्थान पर किसी महिला को इतनी तबज्जों नहीं दी। ऐसे में आगामी विधानसभा चुनावेों में टिकट वितरण में देखान दिलचस्प होगा की दोनों दलों में महिलओं की कितनी तवज्जो मिलती है।

पिछले विधानसभा चुनावों की बात करे तो 230 सीटों में से बीजेपी ने 23 और कांग्रेस ने 28 महिलाओं को टिकट दिए थे। हालांकि बीजेपी ने दो महिला नेताओं को राज्यसभा सदस्य बनाकर महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाया है, लेकिन लोकसभा में भी एमपी से महिला सांसदों की कम संख्या है। 29 लोकसभा सीटों में से केवल चार सांसद हैं। इतना ही नहीं शिवराज कैबिनेट की बात करे तो 31 मंत्रियों में केवल तीन महिला सदस्य हैं।

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