शिवराज ने पूछा- होल्कर नि:शुल्क शिक्षा योजना शुरु क्यों नहीं की, कमलनाथ का सवाल- कहां गुम हो गई बाल आशीर्वाद योजना

भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के बीच एक दूसरे से सवाल पूछने का सिलसिला लगातार जारी है। शिवराज ने पूछा कि आपने वादे के अनुसार होल्कर नि:शुल्क शिक्षा योजना क्यों शुरू नहीं किया। कमलनाथ ने पूछा कि आपने कुछ समय पहले बाल आशीर्वाद योजना शुरू की थी, वह कहां गुम हो गई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है कि कांग्रेस में एक और महाझूठ पत्र बनाने का अभियान चल रहा है,लेकिन मैं उनके पहले के झूठ पत्र को बेनकाब कर रहा हूं। उन्होंने शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ से एक नया सवाल कर पूछा कि उन्होंने देवी अहिल्याबाई होल्कर नि:शुल्क शिक्षा योजना शुरु क्यों नहीं की। इसी तरह बेटियों के वाहनों काे आरटीओ से नि:शुल्क रजिस्ट्रेशन नहीं कराए गए।
कांग्रेंस झूठ पत्र बनाने की तैयारी में
शुक्रवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए सीएम चौहान ने कहा कि कांग्रेस चुनाव पास आते ही एक बार फिर से महाझूठ पत्र बनाने की तैयारी में जुटी हुई है,जबकि हकीकत यह है कि पिछली बार उनके द्वारा जो भी वचन पत्र बनाया गया था,उन्हें पूरा नहीं किया गया। इसलिए उनके द्वारा कमलनाथ से झूठ पत्र में दिए गए वचन के बारेे में सवाल के जरिए जानकारी मांग रहा है। लेकिन अब तक एक का भी जवाब नहीं दिया गया। सीएम ने सवाल किया कि ‘कमलनाथ जी आपने झूठ महापत्र में वादा किया था कि देवी अहिल्याबाई होल्कर नि:शुल्क शिक्षा योजना शुरू करेंगे। इसमें बेटियों को नि:शुल्क शिक्षा और रियायती दरों पर दो पहिया वाहन के लिए ऋण दिया जायेगा तथा आरटीओ से नि:शुल्क वाहन का रजिस्ट्रेशन होगा। ये वचन भी आपने क्यों पूरा नहीं किया।’
कमलनाथ ने किया पलटवार
पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी ट्वीट कर मु्ख्यमंत्री से भी सवाल किया। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा है कि ‘शिवराज जी आप झूठ मशीन हैं, यह तो मध्य प्रदेश की जनता जानती है। आज आपने रामचरित मानस की वह चौपाई मुझसे पूछी है जो दिनांक 10 फरवरी 2023 के प्रश्न में मैंने आपसे पूछी थी। सवाल पूछने तक में नकल करने वाले शिवराज जी आप हंसी के पात्र बनते जा रहे हैं। मेरा सवाल है कि आपने कुछ समय पहले बाल आशीर्वाद योजना शुरू की थी। जिसमें अनाथ बच्चों की मदद करने का झूठ आपने बोला था। सारे बच्चे चीख-चीख कर कह रहे हैं कि मामा ने हमें धोखा दे दिया। इन अनाथ बच्चों की आंहें सुनकर भी क्या आपका पत्थर दिल पिघलता नहीं हैं। आप सत्य के मार्ग पर सच्चे हृदय से चलने की कोशिश तो करिए, गलत रास्ते पर भी चलेंगे तो ईश्वर आपको सही रास्ते पर ले आएगा। “उल्टा नाम जपत जग जाना, बाल्मीकि भए ब्रह्म समाना।”
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