MP Politics : जिनके लिए सिंधिया ने की थी कांग्रेस से बगावत, उनके लिए शिवराज ने किया बड़ा काम

MP Election 2023 : मध्यप्रदेश में 23 मार्च 2020 वो तारीख है जिसे याद कर कांग्रेस के जख्म गहरे हो जाते है। क्योंकि यह वही तारीख है जिस दिन महाराज सिंधिया ने कमलनाथ की सरकार का तख्ता पलट कर दिया था। कमलनाथ को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। वही शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
13 फरवरी, 2020 को वर्तमान में केंन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जब कांग्रेस में थे तब उन्होंने कमलनाथ सरकार से अतिथि शिक्षकों और अतिथि विद्वानों की मांगों को पूरा करने के लिए कहा था। महाराज ने अतिथि शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा था कि घोषणा पत्र में लिखा हर शब्द ग्रंथ है। अगर आपसे किया गया वादा पूरा नहीं हुआ तो वह उनके साथ सड़क पर उतर जाएंगे। वही 15 फरवरी को सीएम कमलनाथ ने महाराज के शब्दों पर प्रतिक्रिया देते हुए कह दिया था कि तो उतर जाएं। फिर क्या 11 मार्च को महाराज सिंधिया ने कांग्रेस को त्याग कर बीजेपी के हो गए। इतना ही नहीं वह अपने साथ कमलनाथ सरकार के 22 कांग्रेसी विधायकों को भी अपने साथ ले गए। और कमलनाथ को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा और सीएम की कुर्सी गवानी पड़ी।
सिंधिया-नाथ की कहानी हुई ताजा
महाराज सिंधिया और कमलनाथ के बीच तीन साल पहले बनी कहानी अब फिर ताजा हो चुली है। महाराज सिंधिया ने जिनकी खातिर कांग्रेस से बगावत की थी उनके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिल खोलकर धनवर्षा कर दी उनके लिए खजाना खोल दिया। बीते सोमवार को सीएम शिवराज ने राजधानी भोपाल में आयोजित में आयोजित एक कार्यक्रम में अतिथि विद्वानों के लिए कई ऐलान किए। सीएम शिवराज ने अतिथि विद्वानों का वेतन फिक्स करने का ऐलान किया। इतना ही नहीं वेतन 50 हजार रुपए तक दिए जाने की भी बात कही। साथ ही भर्ती परीक्षाओं में अतिथि विद्वानों को आरक्षण देने की भी घोषणा की।
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