शिवराज सरकार 15 दिन में बनाएगी राम वन पथ गमन निर्माण न्यास

भोपाल। प्रदेश की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि शिवराज सरकार राम वन पथ गमन निर्माण न्यास का निर्माण करेगा। अगले 15 दिन में गठित हो जाएगाये न्यास। रामवन पथ गमन का कार्य जल्द पूरा करने के लिए इस न्यास का गठन किया जाएगा। भगवान श्रीराम के चरण कमल जहां-जहां पड़े थे, वहां-वहां राम वन गमन पथ बनाया जाएगा।मध्यप्रदेश के दस जिलों सतना, विदिशा, होशंगाबाद, जबलपुर, कटनी, शहडोल, अनूपपुर, पन्ना, उमरिया एवं रीवा का चयन राम वन गमन पथ का निर्धारण किया गया है। चित्रकूट में भगवान श्रीराम के दुर्लभ प्रमाण हैं। यहां राम को मनाने के लिए भरत अपनी सेना के साथ पहुंचे थे। यहीं से वह राम की चरण पादुका लेकर लौटे।यहां भगवान श्रीराम,पत्नी सीताजी और अनुज लक्ष्मण के साथ साढ़े ग्यारह साल रहे। इसके बाद सतना, पन्ना, शहडोल,जबलपुर,कटनी,अनूपपुर, रीवा आदि के वन क्षेत्रों से होते हुए वह दंडकारण्य चले गये।
अयोध्या से शुरू होता है मार्ग
यह मार्ग उप्र के अयोध्या से चित्रकूट और इसके बाद मप्र के अंदर होना पाया गया है तथा इसका समापन छत्तीसगढ़ के कोरिया में होता है। इसलिये सिर्फ मध्यप्रदेश सरकार सिर्फ राज्य के अंदर वाले क्षेत्र में इस मार्ग का निर्माण करेगा। पहले धार्मिक न्यास विभाग ने राम वन गमन पथ के निर्माण का कार्य एमपीआरडीसी को दिए थे। इसके लिए 50 लाख रुपये दिया गया था।एमपीआरडीसी ने डीपीआर बनाने के लिये ख्यात कंपनियों को टेण्डर भी जारी कर दिये थे। इस मार्ग के बीच आने वाले धार्मिक स्थलों पर भी यातायात,पार्किंग,चौड़े मार्ग,धर्मालुओं के ठहरने की सुविधा आदि भी विकसित की जाना है तथा इसके लिये संबंधित जिलों की विकास योजनाओं में बदलाव करने होंगे,तब उसने टेण्डर निरस्त कर दिया गया। श्रीराम की वनगमन यात्रा उत्तर प्रदेश में राम जन्मभूमि अयोध्या से शुरू होकर प्रतापगढ़, प्रयागराज, कौशांबी होते हुए चित्रकूट तक आ रही है। इसी पथ को ही राम वनगमन मार्ग कहा जाता है। इसकी लंबाई करीब 177 किलोमीटर है। राम वनगमन मार्ग के इस हिस्से को केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्रालय बना रहा है।इसको पूरी तरह से तैयार करने में 3500 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
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