शिवराज सरकार का बड़ा तोहफा, अब संस्कृत के विद्यार्थियों को भी दी जाएगी छात्रवृत्ति, स्कूल शिक्षा मंत्री ने दिए निर्देश

भोपाल ; भारत देश में अनेक तरह की भाषाएँ बोली जाती है। हिंदी, इंग्लिश, मराठी, बंगाली आदि तरह की भी भाषा स्कूलों में पढ़ाई जाती है। लेकिन दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा संस्कृत कही न कही लुफ्त होते जा रहा है। जिसको देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा संस्कृत को बढ़ावा देने और लोगों को इसके प्रति रूचि पैदा करने के लिए छात्रवृत्ति देने की पक्रिया शुरू की है। ताकि ज्यादा से ज्यादा बच्चे संस्कृत जाने और बोले। भारत में अब काफी काम लोग ही बचे है जो आज भी संस्कृत बोलते और पढ़ते है।
ऑनलाइन पंजीयन 10 जुलाई से शुरू हो चुके हैं
इसी की तर्ज पर अब मध्यप्रदेश सरकार भी हाई स्कूल /हायर सेकेंडरी स्कूलों में संस्कृत पढ़ने वाले बच्चों को स्कालरशिप दी जाएगी। जिसको लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश भी जारी कर दिए है। संस्कृत विश्वविद्यालय ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए छात्रवृत्ति देने की अधिसूचना जारी कर दी है, इसके लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये गए हैं। ऑनलाइन पंजीयन 10 जुलाई से शुरू हो चुके हैं।
विश्व में सबसे प्राचीन भाषा संस्कृत
बता दें कि संस्कृत को देववाणी कहा जाता है। संस्कृत भाषा ‘विश्वस्य सर्वासु भाषासु प्राचीनतमा भाषा अस्ति’, यानि विश्व में सबसे प्राचीन भाषा संस्कृत है। जिसके उत्थान के लिए प्रदेश सरकार लगातार कार्य कर रही है। सूबे में संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए सीएम शिवराज के साथ ही योगी सरकार ने छात्रवृत्ति योजना की शुरुआत की, तो वहीं संस्कृत विद्यालयों का कायाकल्प भी किया गया है। सीएम शिवराज की इस पहल से निश्चित ही छात्रों को काफी सहायता मिलेगी।
आपके जिले के समस्त हाई स्कूल /हायर सेकेंडरी स्कूलों में संलग्न केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की अधिसूचना भेजी जाकर अधिकाधिक विद्यार्थीयों के आवेदन पत्र भरवाया जाना सुनिश्चित करें ताकि प्रदेश के विद्यालयों में अध्ययन करने वाले छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति प्राप्त हो सके। pic.twitter.com/zdmUE55guE
— इन्दरसिंह परमार (@Indersinghsjp) July 25, 2023
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