यूपीएससी में चयनित प्रदेश के 38 युवाओं का शिवराज ने किया सम्मान और दी नसीहत...मन में न लाएं साला, मैं तो साहब बन गया

यूपीएससी में चयनित प्रदेश के 38 युवाओं का शिवराज ने किया सम्मान और दी नसीहत...मन में न लाएं साला, मैं तो साहब बन गया
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यूपीएससी में चयनित प्रदेश के 38 युवाओं को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मिंटो हाॅल में बुधवार को शाॅल-श्रीफल देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने पहले मंच पर कन्या पूजन किया तत्पश्चात दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

भोपाल। यूपीएससी में चयनित प्रदेश के 38 युवाओं को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (cm shivraj singh chauhan) ने मिंटो हाॅल में बुधवार को शाॅल-श्रीफल देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने पहले मंच पर कन्या पूजन किया तत्पश्चात दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। सम्मान समारोह के पहले सत्र में चयनित युवाओं में जागृति समेत राधिका गुप्ता, ऋषभ रूणवाल, निमीषी त्रिपाठी और विनीत बंसोड़ ने देश की सबसे बड़ी परीक्षा को क्लीयर करने के लिए सेल्फ मोटिवेशन, टाइमिंग और कॉन्फिडेंस होना बहुत जरूरी बताया। इन युवाओं ने पॉजिटिव लोगों से घिरे रहने और हार्ड-स्मार्ट वर्क करने के लिए प्रेरित करने के मूल मंत्र प्रदेश के दो लाख युवाओं से दूरदर्शन से जारी लाइव प्रसारण के जरिए साझा किए। कायक्रम के प्रथम सत्र के अवसर पर मुख्यमंत्री चौहान ने सभी अभ्यर्थियों को बधाई देते हुए कहा कि अष्टमी का दिन है। यह साधना का पर्व है और सिद्धि साधना से ही प्राप्त होती है। अष्टमी का दिन हमने इसलिए चुना कि पूरे मध्य प्रदेश के बेटा-बेटियों को आपके माध्यम से प्रेरित कर सकें। मध्यप्रदेश देश का दिल है, लेकिन तुमने मध्यप्रदेश का दिल जीत लिया है। गर्व से मैं कह सकता हूँ कि मध्यप्रदेश में प्रतिभा संपदा भी है। अब मन में ऐसे विचार नहीं आना चाहिए कि ' मैं तो साहब बन गया', हमेशा कर्म देश सेवा के प्रति ही होना चाहिए। चौहान ने भी प्रतिभागी युवाओं को पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी की कविता 'लहरों से डरकर नैया पार नहीं होती, मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती' सुनाई। सम्मान समारोह में उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ. मोहन यादव ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि उज्जैन राजा विक्रमादित्य की नगरी है। यहां से युवाओं का यूपीएससी में चयनित होना मेरे लिए गर्व की बात है। कार्यक्रम में प्रमुख सचिव सहित उच्च शिक्षा विभाग के वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद थे।

एडमिशन होगा तो फीस मम्मी-पापा नहीं भरवाएंगे, मामा भरवाएगा

सीएम ने कहा कि जब मैंने प्रतिभाशाली बच्चों को अभाव में देखा तो मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना बनाई, जिसमें तय किया कि आईआईटी, मेडिकल में भी एडमिशन होगा तो फीस मम्मी-पापा नहीं भरवाएंगे, मामा भरवाएगा। दिल में जब तड़प होती है तो ऐसी योजनाएं निकलती हैं। मैं सब बच्चों से कहना चाहता हूं कि आत्मविश्वास से भर जाओ और लक्ष्य तय कर लो। माता-पिता से निवेदन है कि बच्चों को अपना रास्ता चुनने दो।

कार्यक्रम में इनका किया सम्मान

सीएम ने भोपाल की जागृति अवस्थी का सबसे पहले शॉल, श्रीफल भेंट कर सम्मान किया। निमीषी त्रिपाठी खरगोन, उर्वशी सेंगर ग्वालियर, पल्लवी वर्मा इंदौर, ऋषभ रूणवाल महिदपुर उज्जैन, अर्थ जैन जबलपुर, आयुष गुप्ता देवास, कार्तिक श्रोत्रिय भोपाल, नरेंद्र रावत शिवपुरी, ऋषभ लालचंदानी भोपाल, सुमित कुमार सिंह इंदौर, श्रेयांस सुराणा बैतूल, रोहित नेमा जबलपुर, रोहित कुमार शाह सिंगरौली, दीपांशु भोपाल, अर्जित महाजन इंदौर, विशाल धाकड़ गुना, श्लोक वायकर इंदौर, राधिका गुप्ता अलीराजपुर, अहिंसा जैन, दामिनी सागर, जेबा खान गुना, विनायक सतना, शुभम अग्रवाल भोपाल, शुभम बजाज विदिशा, संदीप राजौरिया मुरैना, टी. प्रतीक राव भोपाल, प्रखर पांडे जबलपुर, चंद्रशेखर भेराजी नरसिंहपुर, विकास सेठिया भिंड और अभिषेक खंडेलवाल होशंगाबाद का भी सम्मान किया गया।

सफल युवाओं ने दिया यह सक्सेस मंत्र

उनसे भी सीखें, जो सफल नहीं हुए, ये बहुत जरूरी

- सेकंड रैंक जागृति अवस्थी ने कहा कि हिम्मत रखिए, यकील रखिए। निरंतर प्रयास करेंगे तो आगे बढ़ेंगे। लक्ष्य के प्रति अपने रास्ते पर रूकिए मत। हर बाधा से लड़कर आगे बढ़ें। उठो, जागो और तब तक मत रूको जब तक सफलता की सीढ़ी न चढ़ जाओ।

- 18वीं रैंक हासिल राधिका गुप्ता ने कहा- धैर्य और संयम परीक्षा ने सिखाया है। असफलता भी बहुत जरूरी है, क्योंकि यह संवेदना सिखाती है।

- महिदपुर उज्जैन के ऋषभ रूणवाल ने कहा- खूब मेहनत करो। उन्होंने महाभारत के कुछ अंश भी सुनाए। जिसमें कहा कि कर्म किए जा, फल की चिंता मत कर।

- 292 रैंक हासिल खरगोन की निमीषी त्रिपाठी ने कहा- इंटर्नल मोटिवेशन होना बहुत जरूरी है। तभी आगे बढ़ सकेंगे। एक बार मुझे पिता ने बताया कि कलेक्टर ही जिले में चेंज ला सकते हैं। तभी मैंने ठान लिया कि सिविल सविर्सेस एग्जाम देना है। सेल्फ मोटिवेशन, टाइमिंग और कॉन्फिडेंस रखना बहुत जरूरी है।

- विनीत बंसोड़ बालाघाट ने कहा- जो सफल हुए उनसे सीखना बहुत जरूरी है, लेकिन उनसे भी सीखें कि जो सफल नहीं हुए। उनसे गलतियां सीखें और अपनी गलतियां दूर करें। ताकि आगे बढ़ सकें। पॉजिटिव लोगों से घिरे रहें। हार्ड और स्मार्ट वर्क करें। एक ही लाइफ है। जितना बेहतर हो सके, उतना कर गुजरिए।

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