भोपाल गैस त्रासदी मामले में सरकार को झटका, सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने खारिज की क्यूरेटिव याचिका

भोपाल गैस त्रासदी मामले में सरकार को झटका, सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने खारिज की क्यूरेटिव याचिका
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भोपाल गैस त्रासदी से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट की संविधान पीठ ने केंद्र की वह क्यूरेटिव याचिका खारिज कर दी, जिसमें गैस पीड़ितों के लिए अतिरिक्त 7800 करोड़ मुआवजे की मांग की गई थी। संविधान पीठ ने कहा कि इस मामले में पहले ही 6 गुना मुआवजा दिया जा चुका है। कोर्ट ने यह भी कहा कि याचिका विलंब से दायर की गई।

भोपाल। भोपाल गैस त्रासदी से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट की संविधान पीठ ने केंद्र की वह क्यूरेटिव याचिका खारिज कर दी, जिसमें गैस पीड़ितों के लिए अतिरिक्त 7800 करोड़ मुआवजे की मांग की गई थी। संविधान पीठ ने कहा कि इस मामले में पहले ही 6 गुना मुआवजा दिया जा चुका है। कोर्ट ने यह भी कहा कि याचिका विलंब से दायर की गई।केंद्र को इस मामले में पहले आना चाहिए था। याचिका खारिज होने के बाद अब गैस पीड़ितों को अतिरिक्त मुआवजे का रास्ता बंद हो गया है।

वर्ष 2010 में लगाई थी क्यूरेटिव पिटीशन

केंद्र ने 2010 में क्यूरेटिव पिटीशन के जरिए डाउ कैमिकल्स से 7800 करोड़ का अतिरिक्त मुआवजा दिलाने की अपील की थी। सरकारी रिकार्ड के अनुसार 1984 में 2-3 दिसंबर की रात को हुए गैस हादसे में 3700 लोग मारे गए थे। केंद्र सरकार ने इस राशि की मांग यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन को खरीदने वाली फर्म ​​​​​​डाउ केमिकल्स से की थी। गैस कांड के बाद यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन ने पीड़ितों को 470 मिलियन डॉलर (715 करोड़ रुपए) का मुआवजा दिया था। केंद्र सरकार की क्यूरेटिव पिटीशन पर 12 जनवरी 2023 को SC ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। सरकार ने पक्ष रखते हुए कहा था- पीड़ितों को अधर में नहीं छोड़ सकते।


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