आखिरी बार साढ़े 9 बजे मोहल्ले में बच्चे के साथ दिखे थे एसआई सुरेश खांगुड़ा

आखिरी बार साढ़े 9 बजे मोहल्ले में बच्चे के साथ दिखे थे एसआई सुरेश खांगुड़ा
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पुलिस मुख्यालय की विशेष शाखा में पदस्थ एसआई सुरेश खांगुड़ा के घर सोमवार को एक बार फिर कोलार पुलिस पहुंची थी। हालांकि घटनास्थल सील कर दिया गया है। पुलिस समय समय पर घटनास्थल का निरीक्षण कर रही है। पुलिस ने एक बार फिर मोहल्ले के लोगों से पूछताद की थी। इस दौरान पता चला कि सुरेश खांगुड़ा शनिवार रात आखिरी बार साढ़े 9 बच्चे के साथ मोहल्ले में नजर आए थे। उन्होंने बच्चे को मोहल्ले की दुकान से टॉफी दिलाई।

भोपाल। पुलिस मुख्यालय की विशेष शाखा में पदस्थ एसआई सुरेश खांगुड़ा के घर सोमवार को एक बार फिर कोलार पुलिस पहुंची थी। हालांकि घटनास्थल सील कर दिया गया है। पुलिस समय समय पर घटनास्थल का निरीक्षण कर रही है। पुलिस ने एक बार फिर मोहल्ले के लोगों से पूछताद की थी। इस दौरान पता चला कि सुरेश खांगुड़ा शनिवार रात आखिरी बार साढ़े 9 बच्चे के साथ मोहल्ले में नजर आए थे। उन्होंने बच्चे को मोहल्ले की दुकान से टॉफी दिलाई। इसके बाद वह दुकान से चले गए। अनुमान है कि वे घर पहुंचे थे। इसके बाद उन्होंने पत्नी और बेटे की गला रेतकर हत्या की फिर बाइक उठाकर मिसरोद रेलवे स्टेशन पहुंच गए। रेलवे स्टेशन से कुछ दूरी पर उन्होंने ट्रैक किनारे शासकीय बाइक खड़ी की और ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली। पुलिस को उनकी बाइक में भी खून लगा हुआ नजर आया है। इससे अनुमान है कि हत्या उन्होंने ही की थी।

पुलिस उनके घर से मिसरोद की तरफ जाने वाले उन सभी सड़कों से होती रेलवे ट्रैक पर पहुंची थी, जहां से आवाजाही हो सकती है। हालांकि पुलिस को कोई चश्मदीद गवाह नहीं मिला है, जिसने उन्हें जाते देखा था या फिर ट्रेन से कटकर देखा था। अब पुलिस जीआरपी की मदद से यह पता लगाने का प्रयास कर रही है। जिस समय ट्रेन की चपेट में आने सुरेश की मौत हुई। उस समय कौनसी ट्रेन और मालगाड़ियां निकली थी। जीआरपी की मदद से पुलिस ट्रेन और मालगाड़ियों को लोकोपायलेट से भी पूछताछ करेगी, ताकि पता लगाया जा सके कि घटना के समय रेलवे ट्रैक पर सुरेश अकेले थे या फिर आसपास कोई और भी था। दरअसल, परिजनों ने आशंका जताई है कि हत्याकांड में कोई और भी शामिल हो सकता है।

एफएसएल की रिपोर्ट खोल सकती है राज

पुलिस ने एसआई सुरेश खांगुड़ा के घर से दो मोबाइल और लैपटाप बरामद किए थे, जिन्हें एफएसएल पहुंचा दिया गया है। इसके अलाव फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट अनिता कदम की भी मदद ली जा रही थी। पुलिस का कहना है कि प्रकरण में अब केवल फॉरेंसिक और डिजीटल तथ्य ही बचे हैं, जिस पर काम किया जा रहा है। इसके अलावा जीआरपी भी अपनी जांच कर रही है। जीआरपी की माने तो सुरेश खांगुड़ा को ट्रेन की चपेट में आते हुए लोकोपायलेट ने नहीं दिखा था, बल्कि उनकी लाश देखी गई थी। पुलिस उस ट्रैक से गुजरने वाली अन्य ट्रेन के लोको पायलेट से भी पूछताछ करेगी।

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