सेंट्रल जेल की हाई सिक्युरिटी विंग में बंद है सिमी आतंकी नागौरी, उसके साथी अंडा सेल में

विनोद त्रिपाठी . भोपाल
राजधानी भोपाल के केंद्रीय कारागार में बंद फांसी की सजा पाए 6 आतंकियों की सुरक्षा शनिवार से बेहद कड़ी कर दी गई है। अहमदाबाद में वर्ष 2008 में हुए सीरियल ब्लास्ट मामले में शुक्रवार को प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिमी के मास्टरमाइंड सफदर नागौरी समेत 38 आतंकियों को फांसी की सजा सीबीआई मामलों की विशेष अदालत ने सुनाई थी। जबकि नागौरी समेत 6 आतंकी, जिनको फांसी की सजा हुई है, इन दिनों भोपाल सेंट्रल जेल में बंद हैं। साथ ही एक आतंकी जीवन पर्यंत कैद की सजा वाला है। जेल सूत्र बताते हैं कि ऐसे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले में सुरक्षा प्रबंध और कड़े किए जाने पर अधिकारियों से बात की। जिसके बाद शनिवार को जेल प्रबंधन व स्थानीय पुलिस ऑफिसर्स के बीच सुरक्षा प्रबंधों पर लंबा मंथन किया गया है। सेंट्रल जेल के डिप्टी सुपरिंटेंडेंट पीडी श्रीवास्तव ने हरिभूमि से चर्चा में पुष्ट किया कि भोपाल सेंट्रल जेल प्रबंधन ने पुलिस आॅफिसर्स के साथ बैठक करके जेल क्षेत्र की सुरक्षा और कड़ी की है।
हाई सिक्युरिटी विंग में बंद है नागौरी :
जेल के आधिकारिक सूत्रों की पुष्टि है कि सिमी आतंकी सफदर नागौरी सेंट्रल जेल भोपाल की हाई सिक्युरिटी विंग में बंद है। इसी विंग के अंतर्गत अंडा सेल है। जिसमें सिमी के कुछ अन्य आतंकी भी बंद हैं। इन पर चौबीसों घंटे कड़ा पहरा है। वॉट टॉवर समेत सीसीटीवी कैमरे व सर्विलांस के जरिए सुरक्षा मुकम्मल की जा रही है। सूत्र बताते हैं कि 80 प्रहरियों को इस सुरक्षा के लिए अलग से ट्रैंड किया गया है।
साबरमती जेल ब्रेक की प्लानिंग वालों से हर समय खतरा :
जो आतंकी अहमदाबाद की साबरमती जेल को ब्रेक करने की योजना बना चुके हैं, उनके दिमाग से आगे की सोचना है। ऐसा मानना सेंट्रल जेल के उच्च पदस्थ ऑफिसर का ही है। क्योंकि आतंकियों के आकाओं की सोच भी दूर तक सोचती है, तो ऐसे में जेल प्रबंधन सुरक्षा प्रबंधों में कोई खामी नहीं छोड़ना चाहता। सूत्र बताते हैं कि नागौरी जेल में अपनी तकरीरों से प्रहरियों का दिमाग बदलने का भी प्रयास करता है, यानी उन्हें ब्रेन वॉश करके अपने विचार उनके दिमाग में बैठाता है। बताया तो यहां तक जाता है कि पिछले वर्षों में उसने एक प्रहरी के दिमाग में अपनी बातें बैठा दी थीं। जिससे उसके धर्म परिवर्तन तक का खतरा बढ़ गया। हालांकि यह काम हो नहीं सका, क्योंकि जेल प्रबंधन इस ओर अलर्ट हो गया।
नागौरी वर्ष 2017 तक साबरमती जेल में बंद रहा :
सूत्र बताते हैं कि नागौरी ने जेल में बंद 22 इंडियन मुजाहिदीन और सिमी के तमाम आतंकियों को फरार कराने की बड़ी साजिश रची थी। जेल ब्रेक मकर संक्रांति को होने वाला था सूत्र बताते हैं कि नागौरी ने जेल ब्रेक की तैयारी 6 साल पहले शुरू कर दी थी।
डिग्रियां हांसिल करने के पीछे जेल ब्रेक की साजिश :
सूत्र बताते हैं कि सिमी आतंकी सफदर नागौरी ने साबरमती जेल से भागने के लिए बहुत मजबूत योजना बनाई थी। उसने जेल में प्लानिंग की कि 6 साल के समय में ऐसा क्या किया जाए कि जेल से फरार हुआ जा सके। इसके लिए उसने सबसे पहले अपने सभी साथियों को अपना बर्ताव बेहद अच्छा करने को कहा। आतंकी मुखिया के निर्देश पर सभी आतंकी जेल में बढ़िया बर्ताव करने लगे। स्टाफ से मीठा बोलने लगे। यह सब जेल बे्रक की योजना का हिस्सा था।
जेल में पढ़ने की अनुमति मांगी :
आतंकियों ने जेल प्रशासन से पढ़ने की अनुमति मांगी। उनके अच्छे चाल चलन और व्यवहार के आधार पर उन्हें इग्नू से डिस्टेंस लर्निंग से पढ़ाई करने की अनुमति मिल गई। आतंकियों ने 3 साल बेहद मन लगाकर पढ़ते हुए अपनी-अपनी डिग्री भी हासिल कर ली।
इंटरनेट सर्फिंग की इजाजत सुप्रीम कोर्ट ने दी :
- नागौरी ने पीएचडी करने की परमिशन मांगी और उसे परमिशन मिल गई।
- नागौरी ने जेल की लाइब्रेरी में इंटरनेट पर सर्फिंग करने की इजाजत मांगी। इसे जेल प्रशासन ने अस्वीकार कर दिया।
- इसके बाद उसने अपने वकील द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।
अच्छा चाल-चलन काम आया :
जिसमें सफदर नागौरी के अच्छे चाल चलन और उसकी जेल में प्राप्त की गई 2 डिग्री के आधार पर सुप्रीम कोर्ट को इस बात के लिए राजी कर लिया कि आतंकी सफदर नागौरी को जेल की लाइब्रेरी में प्रतिदिन 4 घंटे इंटरनेट सर्फिंग की इजाजत दे दी जाए, ताकि वह अपनी पीएचडी की तैयारी कर सके।
मकर संक्रांति का था इंतजार :
उधर सुरंग लंबी खुद चुकी थी। इधर आतंकी मकर संक्रांति का इंतजार कर रहे थे, क्योंकि उस दिन अहमदाबाद की साबरमती जेल के कैदी व स्टाफ पतंग आदि उड़ाते हैं। ऐसे में ही आतंकी इस जेल को ब्रेक करके यहां से उड़ जाना चाहते थे, लेकिन ऐसा न हो सका।
प्रहरी पपीता तोड़ने गया तो साजिश खुल गई :
- सूत्र बताते हैं कि उस दिन जेल का एक प्रहरी पेड़ से पपीता तोड़ने गया।
- वहां उसे सुरंग दिख गई। तब साबरमती जेल में हंगामा मच गया।
- फिर इस पूरी साजिश का पता चला। इसके बाद नागौरी सहित 10 आतंकियों को इंदौर जेल में शिफ्ट किया गया।
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