Singrauli Samvad 2023 : सिंगरौली के दिग्गजों से विशेष संवाददाता अनुराग मालवीय की विशेष चर्चा

Singrauli Samvad 2023 : हरिभूमी व आईएनएच न्यूज चौनल का अलग-अलग क्षेत्रों के विकास के रोडमैप पर आधारित संवाद 2023 कार्यक्रम प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में करा रहा है। इन सभी कार्यक्रमों में इन क्षेत्रों के दिग्गजों समेत प्रदेश के राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, चिकित्सा शिक्षा व इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम कर रही जानी मानी हस्तियां हिस्सा ले रही है। इन कार्यक्रमों में हरिभूमि व आईएनएच न्यूज चौनल के प्रधान संपादक डॉ हिमांशु द्विवेदी और विशेष संवाददाता अनुराग मालवीय के सवालों का ये दिग्गज सामना कर रहे है। रविवार की शाम हुए इस कार्यक्रम में सिंगरौली के बीजेपी और कांग्रेस के वारिष्ठ नेता शामिल हुए। प़क्ष और विपक्ष के लोगों ने शहर के विकास को लेकर चर्चा हुए, जिसमें जनता ने भी अपना प़क्ष रखा और जनप्रतिनिधियों से सवाल किए।
अनुराग मालवीय - शिवसेना किस तरह की तस्वीर देखती है सिंगरौली जिले की, कितना विकास हुआ
वीएन त्रिपाठी - कांग्रेस के समय में दो-तीन पावर प्लांट स्थापित हुए थे, लेकिन पावर प्लानंट बनाने से काम नहीं होता, कांग्रेस के समय में इस सिंगरौली में कोई बसना नहीं चाहता था। दूसरी पार्टी जब भाजपा आई, भाजपा ने चारों तरफ कंपनियां स्थापित कर दी, भैंसे बहुत अच्छी अच्छी रख दी लेकिन उन्हें खाने की व्यवस्था नहीं रखी। भाजपा ने बताया की एनटीपीसी में अच्छी हॉस्पिटल बनी है, लेकिन बिल्डिंग बनाने से कुछ नहीं होता। मरीजों को इलाज के लिए बनारस, नागपुर जाना पड़ता है।
अनुराग मालवीय - बेरोजगारी कैसे दूर होगी यह जानना चाहते है।
राम अशोक शर्मा - सिंगरौली उद्योग की नगरी है। इसकी शुरूआत सन 1962 से हुई थी। 1962 से आज तक सिंगरौली का एक हिस्सा समस्त रूप से औद्योगिक क्षेत्र है। कांग्रेस की हुकुमत थी, कांग्रेस के समय में भी विस्थापन हुआ तब उसका एक सिस्टम तय हुआ प्रशासन और प्रबंधन से की हम यदि आपको जमीन देंगे उस हिसाब से प्रतिशत निकालकर मुआवजा देंगे। इसके अलावा आवासीय प्लाट देंगे वो भी मुफ्त में, मुफ्त में स्कूल की व्यवस्था देंगे, मुफ्त में हॉस्पिटल की सुविधा देंगे ये सारी चीजे कांग्रेस के समय में तय की गई थी। लेकिन आज सिंगरौली में जो विस्थापन हुआ है उस विस्थापन और पहले के विस्थापन में जमीन आसमान का फर्क है। लोकसभा में बिल आया कि किसी भी किसान की जमीन ली जाएगी तो वहां के 90 फीसदी लोगों की सहमति होगी। और वहां जो विस्थापन होगा उसके रेट का चार गुना मुआवजा देना होगा।
अनुराग मालवीय - आपकी सरकार आ गई फिर इस मसौदे को क्यों लागू नहीं होने दिया।
रामशरण गुप्ता - मैं मानता हूं की पहले की जो नीतियां थी वह सही बनी थी, लेकिन क्रियानवन सही ढंग से नहीं हुआ। सिंगरौली का नगर निगम बाद में बना, जब तक सिंगरौली जब तक जिला नहीं बना था तब सिंगरौली रेस में ही नहीं था। हमे सभी की चिंता है सिंगरौली के सभी लोग मिलकर हम सिंगरौली को आगे मानचित्र पर स्थापित करेंगे। चाहे वो कोई भी विषय हो। आज सिंगरौली क्षेत्र में 10 माहविद्यालय है। पहले जब सिंगरौली सीधी जिले में था तब 2 विद्यालय थे। पहले बच्चों को कई किलोमीटर दूसर स्कूल जाना पड़ता था। जब तक सिंगरौली जिला नहीं बता तबतक यह पिछड़ा था। शिवराज जी अपने वचन के प्रतिबद्वय थे जो इसे जिला बनाया।
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