एसपी की 10 वर्षीय बेटी ने नेत्रहीन बच्चों के लिए की चैरिटी... रंगीन दिये बेचकर जुटाए पैसे

एसपी की 10 वर्षीय बेटी ने नेत्रहीन बच्चों के लिए की चैरिटी... रंगीन दिये बेचकर जुटाए पैसे
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क्लास 6 में पढ़ रही ओजस शाक्यवार को आया आइडिया... नेत्रहीन बच्चों को दिवाली गिफ्ट के लिए दियों को पेंट करके बेचा। 200 दिये अनूठे पेंट करके बेचे, सारा पैसा नेत्रहीन बच्चों के स्कूल को चैरिटी में दे रही हैं। दिए बनाने का काम जारी है। 10 वर्षीय ओजस शाक्यवार ने बनाए रंगीन दीये। चैरिटी के अलावा बच्चों को गिफ्ट भी देंगी ओजस शाक्यवार।

विनोद त्रिपाठी - भोपाल।

दिवाली पर जहां बच्चे खेलने - कूदने और पटाखों - मिठाइयों की मस्ती में डूबे रहते हैं वहीं एक 10 साल की बेटी ऐसी भी हैं नेत्रहीन बच्चों को दिवाली गिफ्ट देने के लिए दिन रात एक अनूठे काम में जुटी हैं। यह नन्ही सी बेटी है ओजस शाक्यवार, जिनके पिता ललित शाक्यवार इन दिनों मुरैना जिले के एसपी हैं। ओजस देहली पब्लिक स्कूल की कक्षा 6 की छात्रा हैं।

बिटिया रानी ओजस इन रंगीन अनूठे पेंट किए दियों को बेचकर उनका पैसा नेत्रहीन स्कूल को चैरिटी में देंगी।

10 वर्षीय कु. ओजस रंगीन दीये बनाकर उनका विक्रय कर रही हैं। अब तक वे 200 रंगीन दिए बेच चुकी हैं, आगे भी निर्माण में जुटी हैं।

खुद से ही मिली प्रेरणा :

ओजस बताती हैं कि यह प्रेरणा मुझे किसी ने नहीं दी, मैं अपनी मम्मी के साथ जा रही थी तभी हमने नेत्रहीन और अनाथ विद्यालय देखा । तभी मुझे आईडिया आया कि मैं दीपावली के पर्व पर इन बच्चों को कुछ गिफ्ट करूं। गिफ्ट कैसे दिया जाये, इसके लिये आईडिया आया कि मिटटी के दीयों पर पेंट करके उन्हें सेल किया जाये जो पैसा आयेगा उस पैसे से कुछ उपहार खरीद कर इन बच्चों को भेंट किया जाये।

कु. ओजस ने बताया कि पिछले अक्टूबर से दीयों पर पेंट करके अभी दो सौ दीये बेचे जा चुके हैं। और यह काम लगातार जारी है।

हरिभूमि भोपाल से चर्चा में मुरैना एसपी ललित शाक्यवार ने बुधवार की दोपहर कहा कि बेटी ओजस यह सब स्वप्रेरणा से कर रही हैं।

माता - पिता से ही मिलते हैं संस्कार :

बेटी ओजस के इस अनूठे काम की सराहना करने और उनके दिए खरीदने वालों का कहना है कि बच्चों को संस्कार अपने माता - पिता से ही मिलते हैं। ओजस के इस काम से मुरैना के और बच्चे भी प्रेरणा ले रहे हैं

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