मध्यप्रदेश में स्कूली शिक्षकों के लिए नई तबादला नीति को केबिनेट की मंजूरी, अब मंत्रियों को नहीं मिलेंगे शिक्षक, हर साल 15 मई तक ही तबादले

मध्यप्रदेश में स्कूली शिक्षकों के लिए नई तबादला नीति को केबिनेट की मंजूरी, अब मंत्रियों को नहीं मिलेंगे शिक्षक, हर साल 15 मई तक ही तबादले
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मध्यप्रदेश के मंत्रिमंडल की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई बैठक में आज स्कूली शिक्षकाें के लिए नई तबादला नीति को मंजूरी दे दी। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि स्कूली शिक्षा मंत्री इंदर सिहं परमार एक बार नीति के बिंदुओं को अच्छी तरह और देख लें, इसके बाद इसे लागू कर दिया जाएगा। नीति के अनुसार मंत्रियों के स्टॉफ के लिए अब स्कूली शिक्षक नहीं दिए जाएंगे। तबादले हर साल 15 मई तक पूरे कर लिए जाएंगे। मंत्रिमंडल में लिए गए निर्णयों की जानकारी सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने दी।

भोपाल। मध्यप्रदेश के मंत्रिमंडल की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई बैठक में आज स्कूली शिक्षकाें के लिए नई तबादला नीति को मंजूरी दे दी। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि स्कूली शिक्षा मंत्री इंदर सिहं परमार एक बार नीति के बिंदुओं को अच्छी तरह और देख लें, इसके बाद इसे लागू कर दिया जाएगा। नीति के अनुसार मंत्रियों के स्टॉफ के लिए अब स्कूली शिक्षक नहीं दिए जाएंगे। तबादले हर साल 15 मई तक पूरे कर लिए जाएंगे। मंत्रिमंडल में लिए गए निर्णयों की जानकारी सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने दी।

स्वैच्छिक तबादले के लिए ऑनलाइन आवेदन

नई नीति के बारे में जानकारी देते हुए नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि स्वैच्छिक तबादले के लिए शिक्षकों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आदिवासी क्षेत्र में प्रशासकीय आधार पर पदस्थ शिक्षकों को प्रोत्साहन भत्ता मिलेगा। नीति के तहत दूसरे जिले या संभाग के शिक्षक को प्रमोशन के पद पर पदस्थ नहीं किया जा सकेगा। पहले प्राथमिकता के आधार पर प्रशासनिक और फिर स्वैच्छिक तबादले होंगे। गंभीर शिकायतों, प्रतिनियुक्ति से वापसी, कोर्ट निर्णय के पालन और स्कूलों में खाली पद भरने के लिए प्रशासनिक स्तर पर तबादला किया जाएगा।

विशेष परिस्थितियों में ही प्रतिनियुक्ति

मिश्रा ने बताया कि दूसरे विभागों में शिक्षकों को प्रतिनियुक्ति पर विशेष परिस्थिति में ही भेजा जाएगा। इन्हें जनप्रतिनिधियों की निजी स्थापना में पदस्थ नहीं किया जाएगा। नए शिक्षक को ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में तीन साल या परिवीक्षा अवधि पूरी करनी होगी। इन शिक्षकों को पूरी सर्विस में 10 साल ग्रामीण क्षेत्रों में रहना होगा। उन्हें इसका वचन पत्र देना होगा। शहरी क्षेत्रों में 10 साल तक पदस्थ शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्रों में भेजा जाएगा। अध्यापक संवर्ग से आए शिक्षकों को भी ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में 5 से 10 साल सेवा देनी होगी, जबकि तीन साल में सेवानिवृत्त होने वाले गंभीर बीमार या विकलांग और एक साल से कम की सेवा व 40 फीसदी या उससे अधिक नि:शक्तता होने पर तबादला नहीं किया जाएगा।

मंत्रिमंडल में ये फैसले भी हुए

- नक्सल प्रभावित क्षेत्रों मे कार्यरत हॉक फोर्स के अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ अन्य पुलिस अधिकारियों को 19 हजार रुपए से अधिक राशि विशेष भत्ते के रूप में मिलेगी।

- पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए होम-स्टे योजना में सब्सिडी देगी सरकार।

- जनजातियों के लिए राजभवन में सचिवालय के लिए कर्मचारियों की स्वीकृति दी गई।

- प्राकृतिक खेती के लिए 52 जिलों के 100 गांवों में 26 हजार किसानों को गाय पालने के लिए अनुदान दिया जाएगा।

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