Dhar Statue revealed : भोजशाला में प्रकट वाग्देवी सरस्वती की मूर्ति, पुलिस ने बताया शरारती लोगों का काम

धार। भोजशाला अलग-अलग कारणों से बार-बार सुर्खियों में आती रहती है। अभी भोजशाला एक बार फिर वाग्देवी सरस्वती की मूर्ति को लेकर सुर्खियों में आई हुई है। बताया जा रहा है कि भोजशाला में वाग्देवी सरस्वती की मूर्ति प्रकट हुई है। पुलिस का कहना है कि यह किसी शरारती तत्व ने ऐसा काम किया है। फिलहाल मूर्ति को भोजशाला से हटाकर किसी सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया है। पुलिस ने मामले की संगीनता को समझते हुए दोपहर में भोजशाला बंद कर दी है। मामले की जांच की जा रही है।
शरारती लोगों का काम
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत बाकलवार ने इस मामले में कहा है कि भोजशाला में लगी तार फेंसिंग को काटकर यह मूर्ति यहां स्थापित की गई है। यह शरारती लोगों का काम प्रतीत हो रहा है। घटना की जांच सीसीटीवी के जरिए की जा रही है। साथ ही पुलिस का कहना है कि सोशल मीडिया पर इस मामले में भ्रामक या आपत्तिजनक खबरें फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।
मूर्ति वापस रखने की मांग
हिंदू संगठनों ने इसे राम मंदिर से जोड़ दिया है। उनका कहना है कि जैसे राम मंदिर में मूर्ति मिली, वैसे ही यहां भी भगवान की मूर्ति मिली है। मामले को लेकर भोज उत्सव समिति के संयोजक अशोक जैन ने हटाई गई मूर्ति को वापस वहीं पर स्थापित करने की बात कही है। उनका कहना है कि यह हमारे लिए उत्साह की बात है, हम उनकी विधिवत पूजन करेंगे। साथ ही उनने ऐसा न किए जाने पर आंदोलन की बात भी कही है और कहा है कि अगर आंदोलन होता है तो इसकी ज़िम्मेदारी प्रशासन की होगी।
भोजशाला में विवादों का कारण
भोजशाला के बारे में हिंदू और मुस्लिम संगठनों की अलग-अलग मान्यता है। हिंदु संगठन इसे भोज कालीन इमारत मानता है। उनका कहना है कि राजवंश काल में यहां कुछ समय के लिए मुस्लिमों को नमाज पढ़ने की अनुमति दी गई थी। साथ ही इस शाला के बारे में मुस्लिम समाज का कहना है कि यह भोजशाला-कमाल मौलाना मस्जिद है। कई सालों से हम यहां नमाज पढ़ते आए हैं। वसंत पंचमी पर यहां सरस्वती पूजन होता है तो वहीं शुक्रवार के दिन नमाज़ भी पढ़ी जाती है। वसंत पंचमी और शुक्रवार साथ होने पर पुलिस की चिंता बढ़ जाती है।
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