पानी के लिए संघर्ष, 3 किलोमीटर दूर बैलगाड़ी से ला रहे पानी

पानी के लिए संघर्ष, 3 किलोमीटर दूर बैलगाड़ी से ला रहे पानी
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जिले के सबलगढ़ का रामपुर क्षेत्र का इलाका जो पानी की किल्लत से जूझ रहा है उसे हर वक्त जान हथेली पर रखकर अपनी प्यास बुझानी पड़ती है रामपुर क्षेत्र के गांव में पेयजल संकट गहराता जा रहा है. यहां लोग बैलगाड़ियों के जरिये 3 किलोमीटर दूर से पीने का पानी ला रहे हैं.

मुरैना. जिले के सबलगढ़ का रामपुर क्षेत्र का इलाका जो पानी की किल्लत से जूझ रहा है उसे हर वक्त जान हथेली पर रखकर अपनी प्यास बुझानी पड़ती है रामपुर क्षेत्र के गांव में पेयजल संकट गहराता जा रहा है. यहां लोग बैलगाड़ियों के जरिये 3 किलोमीटर दूर से पीने का पानी ला रहे हैं.

मुरैना में सबलगढ़ तहसील का रामपुर क्षेत्र के गांव में पेयजल संकट गहराता जा रहा है. हालात यह है कि 2000 आबादी वाले सलेमपुर गांव में पीने का पानी लेने के लिए ग्रामीणों को बैल गाड़ियों और वाहनों से 3 किलोमीटर तक का सफर तय करके पानी लाना पड़ता है. लगातार हर साल पानी की समस्या ग्रामीणों के लिए बढ़ती जा रही है. पर पर शिकायत करने के बाद भी ना तो पीएचसी अधिकारी और ना ही जिला प्रशासन इस ओर ध्यान दे रहा है. खास बात यह है कि पानी की समस्या अकेले एक गांव में नहीं है बल्कि यह समस्या रामपुर क्षेत्र के 12 पंचायतों के अधिकांश गांव में है.

सबलगढ़ तहसील मैं रामपुर क्षेत्र के सलेमपुर गांव में 2000 की जनसंख्या है. यहां पर पेयजल संकट कई सालों से बना हुआ है. लोगों को खासकर गर्मियों में 3 किलोमीटर दूर से जाकर पानी लाना पड़ता है. इस समय कोरोना संक्रमण का दौर चल रहा है. उसके बावजूद भी ग्रामीणों को घर से निकलकर पानी के लिए बाहर जाना पड़ रहा है. जिससे ग्रामीणों में कोरोना वायरस से संक्रमित होने की आशंका भी बनी हुई है. खास बात यह है कि सबलगढ़ के रामपुर क्षेत्र में 12 ग्राम पंचायतें लगती है. इन पंचायतों के अधिकांश गांव में गर्मी आते ही पीने के पानी की समस्या शुरू हो जाती है. जिसे देखते हुए हर वर्ष मई और जून 2 माह के लिए जिला प्रशासन ग्राम पंचायतों के माध्यम से टैंकरों द्वारा पानी का परिवहन किया जाता था. लेकिन इस इस वर्ष इस कोरोना संकटकाल में अभी तक टैंकरों द्वारा परिवहन की व्यवस्था नहीं की गई है. जिससे ग्रामीणों के लिए पानी की समस्या इस कदर बढ़ गई है कि ग्रामीणों को पानी की जुगत के लिए सुबह से शाम तक बैलगाड़ी के जरिये पीने का पानी लाते नजर आते हैं.

पीएचई के अधिकारियों की मानें तो इलाके में भूजल स्तर काफी नीचे गिर चुका है. जिसके चलते वहां पर किए जा रहे बोर सफल नहीं हो रहे हैं. कुछ ही जगह पर बोर से पानी मिल रहा है. इस पेयजल संकट को दूर करने के लिए उस इलाके में नल जल योजनाओं को स्वीकृति दी जा चुकी है. जिसके अंतर्गत जल्दी वहां पर टंकियों का निर्माण कर घर में नल कनेक्शन से पेयजल की व्यवस्था की जा रही है.

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