बोर्ड परीक्षाओं को लेकर बोले स्टूडेंट्स : कोरोना काल में प्रभावित हुई बीती कक्षाओं का रहेगा असर, 90% सिलेबस पूरा, करना होगा टाइम मैनेजमेंट

भोपाल। माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) ने इस बार मार्च की बजाय फरवरी माह में बोर्ड परीक्षाएं कराने का फैसला किया है। इसके लिए मंडल ने टाइम टेबिल भी जारी कर दिया है। जिसके बाद अब कक्षा दसवीं और बारहवीं के स्टूडेंट्स एग्जाम की तैयारियों में जुट गए हैं। हालांकि विद्यार्थियों ने मंडल के इस निर्णय को चुनौतियों से भरा बताया है। जहां कुछ विद्यार्थियों ने कहना है कि फरवरी में बोर्ड परीक्षाएं कराने के इस फैसले सभी चौका दिया है। इस बार बोर्ड एग्जाम एक माह पहले हो रहे हैं। ऐसे में थोड़ा सा असहज हुए हैं। लेकिन अभी भी करीब तीन का समय है। ऐेसे में टाइम मैनेज करके बेहतर तैयारी करनी होगी। वहीं कुछ विद्यार्थियों का मानना है कि कोरोना संक्रमण के चलते बीते दो वर्षों में शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हुई है, ऐसे में पढ़ाई पहले की तरह नहीं हो पाई है। जिसका असर इस एग्जाम पर भी रहेगा। इस बार एग्जाम पैटर्न सहित समय में बदलाव हुआ है। ऐसे में स्टूडेंट्स के सामने टाइम मैजेमेंट, सिलेबस पूरा करने सहित अन्य तैयारियों की चुनौती रहेगी। हालांकि 90 प्रतिशत तैयारी हो चुकी है और हम एग्जाम में बेहतर तैयारी के साथ शामिल होंगे। बता दें कि माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) ने कक्षा दसवीं और बारहवीं का टाइम टेबिल सोमवार को जारी कर दिया है। जारी टाइम टेबिल के अनुसार कक्षा दसवीं की परीक्षाएं 18 फरवरी से हिंदी के पेपर से शुरू होंगी और 10 मार्च 2022 तक आयोजित की जाएंगी। वहीं कक्षा बारहवीं की परीक्षाएं 17 फरवरी से अंग्रेजी के पेपर के साथ शुरू होगी और 12 मार्च 2022 को अंतिम पेपर संस्कृत का होगा। पहली बार फरवरी में बोर्ड परीक्षा शुरू होने जा रही हैं। कोरोना संक्रमण के बीते दो वर्षों के अनुभव को ध्यान में रखते हुए माशिमं ने यह निर्णय लिया है।
हम तैयार हैं :
जब हमारी 9वीं की एग्जाम खत्म हुई थी, तभी हमने अंदाजा लगा लिया था कि कोविड की स्थिति भविष्य में कुछ इसी प्रकार रहने वाली है। ऐसे में हमारे टीचर्स ने हमारी बेहतर तैयारियों के साथ हमारी पढ़ाई कराई है। अब हमारा सिलेबस लगभग पूरा होने को है और हम एग्जाम के लिए तैयार हैं।
प्रशांत राजपूत, कक्षा 10वीं
विशेष फर्क नहीं :
एक अच्छा विद्यार्थी हमेशा अपनी तैयारी पूरी रखता है। बोर्ड ने फरवरी में एग्जाम कराने का जो निर्णय लिया है वह बेहतर है। क्योंकि एग्जाम के 10-15 दिन पहले या बाद में होने से कोई विशेष फर्क नहीं पड़ता है। हमारा सिलेबस अब लगभग पूरा हो चुका है और एग्जाम के लिए हमारी तैयारी भी पूरी है।
दीपा प्रजापति, कक्षा 12वीं कामर्स
टाइम मैनेज करना होगा :
स्कूल की तरफ से हमारी बेहतर तैयारी पहले से ही कराई जा रही है। हालांकि फरवरी में बोर्ड परीक्षाएं कराने के इस फैसले सभी चौका दिया है। इस बार बोर्ड एग्जाम एक माह पहले हो रहे हैं। ऐसे में थोड़ा सा असहज हुए हैं। लेकिन अभी भी हमारे पास करीब तीन का समय है। ऐेसे में टाइम मैनेज करके बेहतर तैयारी की जा सकेगी।
हरिओम कारपेंटर, कक्षा 12वीं पीसीएम
चुनौती रहेगी :
कोरोना संक्रमण के चलते बीते दो वर्षों में शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हुई है, ऐसे में पढ़ाई पहले की तरह नहीं हो पाई है। इस बार एग्जाम पैटर्न सहित समय में बदलाव हुआ है। ऐसे में स्टूडेंट्स के सामने टाइम मैजेमेंट, सिलेबस पूरा करने सहित अन्य तैयारियों की चुनौती रहेगी। हालांकि 90 प्रतिशत तैयारी हो चुकी है और हम एग्जाम में बेहतर तैयारी के साथ शामिल होंगे।
रवि अहिरवार, कक्षा 12वीं बॉयोलॉजी
बीती कक्षाओं का असर :
जो विद्यार्थी रेगुलर पढ़ाई कर रहे हैं, उन्हे एक माह पहले एग्जाम होने से विशेष फर्क नहीं पडेÞगा। हालांकि स्टूडेंट्स कोविड काल में प्रभावित हुए हैं और उनकी बीती कक्षाओं में बेहतर पढ़ाई नहीं हो पाई है। जिसका असर इस एग्जाम पर भी रहेगा। ऐेसे में स्टूडेंट्स को अधिक मेहनत करनी होगी और समय का ध्यान रखना होगा।
रामचंद्र वर्मा, कक्षा 12वीं बॉयेलॉजी
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