Surkhi Vidhan Sabha Seat: हरिभूमि स्पेशल! दलबदल से BJP के पास आ गई सुरखी सीट, अब कांग्रेस बदला लेने को तैयार क्या बदलेगा सुरखी का समीकरण

Surkhi Vidhan Sabha Seat: हरिभूमि स्पेशल!  दलबदल से BJP के पास आ गई सुरखी सीट, अब कांग्रेस बदला लेने को तैयार क्या बदलेगा सुरखी का समीकरण
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सुरखी विधानसभा सीट के राजनीतिक इतिहास की बात करें तो 1990 के बाद यह सीट गोविंद सिंह राजपूत के नाम से जानी जाती है। 1990 में जनता दल को यहां पर जीत मिली तो बीजेपी के नेता भूपेंद्र सिंह ने 1993 के चुनाव में अपनी पार्टी का खाता खोला। फिर 1998 में भी वह विजयी हुए।

MP ELECTION 2023: सुरखी। मध्य प्रदेश के सबसे हाईप्रोफाइल सीटों में से एक सागर जिले की सुरखी विधान सभा सीट ये सीट अपने आप में एक बड़ी मानी जाती है। इस सीट पर 1990 से गोविंद सिंह राजपूत अपनी धाक जमाए हुए हैं, गोविंद सिंह राजपूत सिंधिया के कट्टर समर्थकों में से एक माने जाते 2018 में बनी कांग्रेस की सरकार में थे, मगर सत्ता परिवर्तन के बाद सिंधिया बीजेपी में चले गए इसके साथ ही गोविंद सिंह राजपूत भी बीजेपी में शामिल हो गए। हालांकि अब देखना ये है कि क्या कांग्रेस गोविंद सिंह राजपूत का किला तोड़ने में कामयाब हो पाएगी। इस बार कांग्रेस ने गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ़ नीरज शर्मा को मैंदान में उतारा है।

कितने वोटर, कितनी आबादी

2018 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो सुरखी सीट पर कांग्रेस के गोविंद सिंह राजपूत ने बीजेपी के सुधीर यादव को आसान मुकाबले में हरा दिया था। गोविंद सिंह को 80,906 वोट मिले थे तो सुधीर के खाते में 59,488 वोट आए थे। गोविंद सिंह ने यह चुनाव 21,418 मतों के अंतर से जीत लिया। तब के चुनाव में यहां पर कुल 1,96,632 वोटर्स थे जिसमें 1,43,909 (74.3%) वोटर्स ने वोट डाले

कैसा रहा राजनीतिक इतिहास

सुरखी विधानसभा सीट के राजनीतिक इतिहास की बात करें तो 1990 के बाद यह सीट गोविंद सिंह राजपूत के इस विधान सभा से जीतते आ रहे हैं और यह सीट गोविंद सिंह राजपूत के नाम से ही जानी जाती रही है। 1990 में जनता दल को यहां पर जीत मिली तो बीजेपी के नेता भूपेंद्र सिंह ने 1993 के चुनाव में अपनी पार्टी का खाता खोला। फिर 1998 में भी वह विजयी हुए। मगर 2003 के चुनाव से यहां का समीकरण बदल गया। कांग्रेस के दिग्गज नेता गोविंद सिंह राजपूत ने पहली बार यहां से जीत हासिल की। फिर 2008 में भी वह विजयी हुए। लेकिन 2013 के चुनाव में बीजेपी के पारुल साहू ने खेल की बाजी पलट दी और यह सीट अपने नाम कर लिया. फिर 2018 में गोविंद सिंह राजपूत कांग्रेस के टिकट पर फिर जीत के साथ वापस लौटे। लेकिन 2020 में उपचुनाव में गोविंद सिंह राजपूत बीजेपी के टिकट पर फिर से चुनकर विधानसभा पहुंचे और मंत्री भी बने। वह अभी राजस्व और परिवहन मंत्री हैं।

कौन दे रहा है गोविंद सिंह राजपूत को टक्कर

कांग्रेस ने सुरखी विधान सभा सीट से गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ़ पूर्व बीजेपी नेता नीरज शर्मा को टिकट देकर मैंदान में उतारा है। बता दें कि नीरज शर्मा 2010 में जनपद अध्यक्ष रहे हैं । इसी के साथ वे एक बार राहतगढ़ नगर परिषद के अध्यक्ष रह चुके है। नीरज शर्मा कुछ दिन पहले ही गोविंद सिंह राजपूत और बीजेपी से बगावत कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। अब देखना यह की क्या नीरज शर्मा गोविंद सिंह राजपूत के किले में कितना भेद पाएंगे।

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