तांत्रिक रोकेंगे ग्रेसिम उद्योग में बढ़ती दुर्घटनाएं ! आरोप- ठेका श्रमिकों को बाहर निकालने के बाद मेंटेनेंस न के बराबर

नागदा। ग्रेसिम उद्योग जो लगातार बिरला रिसर्च इंस्टीटयुट के तकनीक दक्ष अधिकारियों व इंजीनियरों के मार्गदर्शन में अपनी उत्पादन प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहा है। अरबों रूपये का मुनाफा कमाने वाले उद्योग के अधिकारी अब तंत्र क्रिया के भरोसे उद्योग में उत्पादन प्रक्रिया को आगे बढाने एवं घटना, दुर्घटना पर रोक लगाने की कामना कर रहे हैं। यह बात जिला कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष सुबोध स्वामी ने मीडिया के समक्ष जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि ठेका श्रमिकों को कार्य से बाहर कर देने के बाद में उद्योग अपना 100 प्रतिशत से ज्यादा उत्पादन प्रतिदिन कर रहा है, जहां पहले स्थाई श्रमिक व कुशल ठेका श्रमिक जिस कार्य को करते थे। वहां अब स्थाई श्रमिकों को अत्यधिक दबाव देकर काम करवाया जा रहा है, जिसके कारण आये दिन उद्योग में दुर्घटनाएं हो रही है।
उन्होंने आगे कहा उद्योग के स्पीनिंग, आफ्टरट्रिटमेंट विभाग की समस्त मशीनों की हालत दयनीय है, जिनकी समय-समय पर ठेका श्रमिकों व स्थाई श्रमिकों द्वारा ओवर आईलिंग व मेंटेनेंस का कार्य किया जाता था लेकिन ठेका श्रमिकों को कार्य से बाहर करने के बाद मशीनों का मेंटेनेंस कार्य न के बराबर हो रहा है। इसका खामियाजा श्रमिको को घटना, दुर्घटना के रूप में भुगतना पड़ रहा है। उद्योग के स्पीनिंग, आफ्टरट्रीटमेंट के विभाग प्रमुख (एच.ओ.डी.) शैलेन्द्र देशलेहरा घटना, दुर्घटनाओं से निजात पाने के लिए तांत्रिक को उद्योग में लेकर आये और गुरूवार प्रातः काल उनसे तंत्र क्रिया करवाकर उद्योग की मशीन नम्बर 03, 08 एवं 09 पर तंत्र क्रिया से अभिमंत्रित कीले ठुकवाई लेकिन अधिकारियों की यह क्रिया भी उस समय निष्फल साबित हुई, जब मशीन नम्बर 07 में गुरूवार शाम आगजनी की घटना हो गई।
उन्होंने आगे एक समय था जब ग्रेसिम उद्योग में धार्मिक अनुष्ठान, पूजा पाठ धर्म शास्त्रानुसार एवं रीति रिवाजों से सम्पन्न हुआ करते थे विजया दशमी, दिपावली, होली व अन्य त्यौहारों पर पुजा पाठ, अनुष्ठान कर उद्योग उत्पादन प्रक्रिया निरंतर व सतत रूप से कार्य करती रहे, उसमें कोई विध्न, बाधा न आये व उद्योग में कार्यरत श्रमिकों एवं स्टाफकर्मियों के अच्छे स्वास्थ्य एवं सुख समृद्धि की कामना की जाती थी।
सुबोध स्वामी ने बताया कि गुरूवार रात 8 से 9 बजे के मध्य ग्रेसिम उद्योग की मशीन नम्बर 07 में भीषण आगजनी की दुर्घटना हुई। शुक्र है कि उसमें कोई जन हानि नहीं हुई, लेकिन आगजनी की घटना से घटना स्थल पर कार्य कर रहे श्रमिकों व स्टाफकर्मियों में दहशत का वातावरण निर्मित हो गया। चिंता की बात यह है कि उद्योग प्रबंधन व विभाग के अधिकारियों द्वारा उक्त गंभीर आगजनी घटना की जानकारी न तो स्थानीय शासन, प्रशासन को दी गई न ही नियमानुसार औद्योगिक स्वास्थ्य सूरक्षा अधिकारी को दी गई। उद्योग प्रबंधन लगातार श्रमिकों से दबाव में काम करवा रहा है। वहीं अंदर घटित हो रही दुर्घटनाओं को आनन-फानन में रफा-दफा करने का कार्य भी कर रहा है।
उन्होंने शासन, प्रशासन को आगह किया गया है कि उद्योग प्रबंधन द्वारा आकुत मुनाफा कमाने के उद्देश्य से स्टाफकर्मियों एवं श्रमिकों को मानसिक रूप से प्रताडित कर उद्योग उत्पादन प्रक्रिया के लिए बाध्य किया जा रहा है जिसके कारण भविष्य में कभी भी गंभीर दुर्घटना घट सकती है, जिसकी समस्त जवाबदारी ग्रेसिम उद्योग कारखाना अधिभोगी व कारखाना प्रबंधक की होगी। शासन, प्रशासन को गंभीरता से इस पर कार्यवाही करना चाहिए।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS