चार साल में पकड़ाए दस हजार फर्जी आयुष्मान कार्ड, कराया लाखों का इलाज

चार साल में पकड़ाए दस हजार फर्जी आयुष्मान कार्ड, कराया लाखों का इलाज
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राजधानी में फर्जी आयुष्मान कार्ड से इलाज कराने वालों की तादाद बढ़ती जा रही है। जांच में अब तक करीब 10 हजार 231 कार्ड फर्जी मिले हैं। जिन्हें फर्जी तरीके से समग्र आईडी में हेरफेर कर बनाया गया है। इन कार्डों से पांच लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज किया जाता है। सिर्फ भोपाल में ही 10 हजार 231 आयुष्मान कार्ड निरस्त किए जा चुके हैं। इनमें से ज्यादातर फर्जी कार्ड कोरोना की दूसरी लहर के दौरान लगाए गए कैंप और अस्पतालों की डेस्क में सामने आए हैं। इन कार्डों को बनाने वालों ने किसी से दो तो किसी से पांच हजार रुपए तक वसूले हैं।

- कोरोना काल में फर्जी कार्डों से कराया लाखों रुपए का इलाज

- प्राइवेट अस्पतालों ने भी वसूली राशि

भोपाल। राजधानी में फर्जी आयुष्मान कार्ड से इलाज कराने वालों की तादाद बढ़ती जा रही है। जांच में अब तक करीब 10 हजार 231 कार्ड फर्जी मिले हैं। जिन्हें फर्जी तरीके से समग्र आईडी में हेरफेर कर बनाया गया है। इन कार्डों से पांच लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज किया जाता है। सिर्फ भोपाल में ही 10 हजार 231 आयुष्मान कार्ड निरस्त किए जा चुके हैं। इनमें से ज्यादातर फर्जी कार्ड कोरोना की दूसरी लहर के दौरान लगाए गए कैंप और अस्पतालों की डेस्क में सामने आए हैं। इन कार्डों को बनाने वालों ने किसी से दो तो किसी से पांच हजार रुपए तक वसूले हैं।

2011 में की गई सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना के डेटाबेस में जिन व्यक्तियों के नाम मौजूद हैं, उनको आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का कार्ड बनाया जाता है। उन्हें ही इसका फायदा मिलता है। इसे बनवाने के लिए लोकसेवा गारंटी केंद में आवेदन करना होता है। इसमें बीपीएल, पात्रता पर्ची, समग्र आईडी, विकलांगों के लिए प्रमाण पत्र व अन्य दस्तावेज होना जरूरी है। लेकिन यहां पात्रों के दस्तावेज का उपयोग कर आयुष्मान कार्ड बनवाए गए, लेकिन आॅनलाइन जांच में आइडी मैच होने से गड़बड़ी पकड़ में आई है। जिला प्रशासन के अफसरों ने अपील की है कि आयुष्मान कार्ड के लिए जो प्रक्रिया है उसी के अनुसार आवेदन करें। जो दस्तावेज मांगे हैं, उन्हें आॅनलाइन अपलोड करें।

- ऐसे पकड़ में आए फर्जी कार्ड

ईदगाह हिल्स पर आयुष्मान कार्ड बनाने का शिविर लगाया गया था। इसमें प्रभु नगर निवासी नवीन केसवानी और शांति नगर निवासी ईश्वर सतवानी सहित 13 अन्य लोगों ने बताया कि उनका कार्ड बना है। इस आधार पर उनके परिवार का आयुष्मान कार्ड बना दिया जाए। सरकारी वेबसाइट पर जब ये नंबर डाले गए तो किसी दुसरों के नाम खुले। सिर्फ इस एक शिविर में ही 15 फर्जी कार्ड सामने आए, जिनको निरस्त किया गया। इसी तरह कॉमन सर्विस सेंटर के कर्मचारी मोहम्मद जुनेदउद्दीन की आइडी से चार फर्जी आयुष्मान कार्ड बने थे। इसमें दूसरे की समग्र आइडी का उपयोग किया गया। इनसे 4 लाख 95 हजार रुपए का इलाज भी हो गया। इसी प्रकार हिना शेख की आईडी पर अजमत बी नामक महिला का आयुष्मान बना जो बाद में पकड़ में आया।

- संभाग में आयुष्मान कार्ड की स्थिति

जिला-----कार्ड बने----फर्जी निकले

भोपाल--780349------10231

विदिशा--499236----6670

सीहोर--497287-- 7988

राजगढ़--568480--8231

रायसेन--492477--8282

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