चिटफंड कंपनी के जरिए करोड़ों रुपयों का घोटाला करने वाले आरोपी को नहीं मिली जमानत, जानिए कोर्ट ने क्यों कर दी खारिज

भोपाल। चिटफंड कंपनी में निवेश कराने का झांसा देकर धोखाधड़ी कर 2 करोड़ 74 लाख 98 हजार रुपए के घोटाला मामले के आरोपी राजीव शर्मा पुत्र बीडी शर्मा 58 वर्ष निवासी पारस मैजेस्टिक त्रिलंगा भोपाल को जमानत नहीं मिल सकी। अग्रिम जमानत के उसके आवेदन को अपर सत्र न्यायाधीश अतुल सक्सेना की अदालत ने मामला गंभीर प्रवृत्ति का होने से निरस्त कर दिया। अदालत में एसटीएफ के विशेष लोक अभियोजक सुनील श्रीवास्तव ने आरोपी के अपराध की गंभीरता को देखते हुए जमानत दिए जाने का विरोध किया था।
यह है पूरा मामला
फरियादी कुलदीप त्यागी और विवेक लूथरा ने एसटीएफ को 18 जून 2018 को शिकायत की थी कि गोल्ड यूनियन क्वाइन चिटफंड कंपनी लिमिटेड से जुड़े हुए आरोपी व अन्य सहआरोपियों द्वारा लोगों से डेढ़ से दो गुना राशि का भुगतान करने के लुभावने वादे कर करोड़ों रुपयों ऐंठ कर फरार हो गए हैं। फरियादी के अनुसार कंपनी के ऐजेंटस ने विभिन्न प्लानों के तहत एक निश्चित अवधि में डेढ़ से दो गुना राशि का भुगतान करने का वादा किया था। आरोपी सेमिनारों के माध्यम से और लोगों से प्रत्यक्ष रुप से संपर्क कर उन्हें उनकी जमा राशि पर डेढ़ से दो गुना राशि भुगतान करने का लालच देकर उनसे रुपए जमा कराकर उन्हें एक प्रिन्टेड कागज थमा देते थे। एसटीएफ ने मामले की जांच के बाद 31 जुलाई 2016 को आरोपी एवं उसके अन्य साथियों के खिलाफ भारतीय दण्ड विधान की धारा- 420 , 467, 468 ,471,120 बी और आईटी एक्ट की धारा- 66 ( डी ) के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच के बाद जिला अदालत में चलान पेश कर दिया है।
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